MP में पोस्टर पर सियासत तेज
इंदौर। मप्र में पोस्टर विवाद पर सियासत तेज हो गई है। पहले राजधानी में पूर्व मुख्यमंत्री के पोस्टर लगाए गए थें। अब यह पोस्टर वार का मामला इंदौर पहुंच चुका है। इंदौर के सार्वजिनक स्थालों पर पूर्व सीएम कमलनाथ के पास्टर लगाए गए हैं। इस मामलें में अब प्रदेश में नई बहस छिड़ गई है।
आपको बताते चलें कि राजधानी भोपाल में पूर्व सीएम कमलनाथ को वांटेड दर्शाने वाले पोस्टर लगे थे। वहीं अब इंदौर के सार्वजनिक स्थान जिनमें बस स्टैंड , रेल्वे स्टेशन सहित शहर के मुख्य चौराहों पर कमलनाथ के पोस्टर लगाए गए हैं। बता दें कि इन पोस्टरों में कमलनाथ को करप्शन नाथ लिखा गया है।
पोस्टर लगाने वालों की अभी तक पहचान उजागर नहीं हुई हैं। अज्ञात लोगों के द्वारा यह पोस्टर लगाए गए हैं। चस्पा किए पोस्टरों पर लगे क्यूआर कोड में घोटालों की जानकारी दी गई है। बता दें कि अगामी चुनाव को लेकर नेताओं ने अपनी – अपनी चुनावी तैयारियां शुरु कर दी गई है।
भाजपा का क्या है कहना
इस घटनाक्रम पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कहा कि इन सब से भाजपा का कोई लेना देना नही है। यह कांग्रेस की भीतरी लड़ाई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पोस्टर भी जगह-जगह चिपका दिए गए
सोमवार को एक बार फिर पोस्टर वार जारी हो गया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पोस्टर जगह-जगह लगा दिये गए जिनमें लिखा है “50% लाओ और फोन पर काम कराओ”। इस मामले में सबसे पहले गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कमलनाथ के पोस्टर लगने को कांग्रेस की अंदरूनी कलह बताया था और उनका कहना था यह सब आपसी खुन्नस का नतीजा है। लेकिन इस बीच अब नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने इस तरह के पोस्टर वार को गलत बताया है।
नेता प्रतिपक्ष का बयान
डॉक्टर गोविंद सिंह का कहना है कि चाहे कांग्रेस के पोस्टर लगे हैं या बीजेपी के, राजनीतिक शुचिता की इजाजत नहीं देती और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को इस बात का पता लगाना चाहिए कि आखिरकार पोस्टर किसने लगाए। मुख्यमंत्री को अपनी इंटेलिजेंस के माध्यम से पोस्टर लगाने वालों का पता लगाकर उन पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। हालांकि यह हैरत की बात है कि देश की सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट राजधानी होने का दावा करने वाली राजधानी भोपाल में, जहां चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी लगे होने के दावे किए जाते हैं, आखिरकार यह पोस्टर कब और कैसे चिपक जाते हैं,यह समझ से परे हैं।