भोपाल ।  प्रदेश में सभी नगरीय निकायों के लिए अब एक ही कानून बनाया जाएगा। सभी नगर सरकारें इसी एक अधिनियम के तहत संचालित होंगी। अभी 16 नगर निगमों के लिए मप्र नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 प्रचलित है, जबकि 98 नगर पालिकाओं एवं 294 नगर परिषदों के लिए मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 प्रचलित है। इनका अब एकीकरण कर नया एकजाई अधिनियम बनाया जा रहा है। यानि अब सभी 408 नगरीय निकाय एक ही कानून के तहत संचालित होंगे।

दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में पिछली जनवरी माह में निर्देश दिये थे कि नगर निगम एवं पालिका अधिनियमों के एकीकरण की कार्यवाही पूर्ण की जाए। इसके लिये दो साल का समय दिया गया है। नगरीय प्रशासन विभाग ने राज्य भूमि सुधार आयोग को यह लक्ष्य दिया है जहां दोनों कानूनों के एकीकरण की कार्यवाही चल रही है। आयोग के अनुसार, विशेषज्ञों द्वारा नये एकजाई कानून के प्रत्येक खण्ड को वर्तमान संदर्भ में परिमार्जित कर विभाग को प्रस्तुत किया जा रहा है। अब तक 3 खंडों पर चर्चा कर अंतिम रूप दिया जा चुका है। अगली चर्चा के लिये विभाग से आयोग ने समय मांगा है। आयोग अभी तक इस नए अध‍िनियम को बनाने में करीब सात माह लगा चुका है तथा अभी उसके पास अगले साल के अंत तक और समय है। नये एकजाई कानून में 90 प्रतिशत प्रविधान वर्तमान कानूनों के ही होंगे तथा शेष समय की जरुरत के हिसाब से जोड़े जाएंगेे। वैसे अन्य राज्यों में भी अलग-अलग कानून हैं परन्तु मप्र ने पचास सालों से ज्यादा इन दोनों कानूनों को रद्द कर नया एकजाई कानून बनवाने की पहल की है।

इनका कहना है

नगर सरकारों को और मजबूत कैसे किया जाए, इसके प्रयास सरकार कर रही है। फिलहाल अन्य राज्य के नियमों को अध्ययन किया जा रहा है। समय के साथ आए बदलाव की वजह से निकायों के अधिनियम में बदलाव लाना भी आवश्यक है।

भूपेन्द्र सिंह, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री, मप्र