जबलपुर ।   जिसने मेहनत करके परीक्षा दी, उसे पूरा भरोसा था, कि अच्छे अंक से उत्तीर्ण होगा। किंतु रिजल्ट आशा अनुरूप नहीं आया। अतः इंसाफ़ की लड़ाई शुरू की। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बारहवीं बोर्ड परीक्षा में छात्र की उत्तर-पुस्तिका की जांच में गड़बड़ी के आरोप को गंभीरता से लिया। इसी के साथ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छिंदवाड़ा के पर्यवेक्षक व इंटरनेशनल हायर सेकेण्डरी स्कूल रीवा के प्राचार्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। यही नहीं अगली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता छात्र की मूल उत्तर-पुस्तिका भी पेश करने के निर्देश दे दिए। मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को निर्धारित की गई है।

न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता रीवा निवासी छात्र श्रेयांस श्रीवास्तव के पिता सुधीर श्रीवास्तव की ओर से अधिवक्ता विजय शुक्ला ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि अंग्रेजी विषय के मूल्यांकन में गड़बड़ी हुई है। जांचकर्ता ने श्रेयांस की अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका में कई जगह छेड़छाड़ की है। कई जगहों पर छात्र के सभी उत्तर सही थे, फिर भी उसे 100 में 90 अंक दिए गए। छात्र को अन्य सभी विषयों में विशिष्ट अंक मिले हैं। जब उत्तर पुस्तिका देखी गई तो यह त्रुटियां उजागर हुईं, इसीलिए याचिका में मांग की गई है कि उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन कराया जाए। हाई कोर्ट ने तर्क सुनने के बाद जवाब-तलब कर लिया। उत्तर-पुस्तिका भी पेश करने के निर्देश दे दिए।