दुर्ग-भिलाई में 30 जुलाई से 1 अगस्त चलाया जाने वाला कोविड वैक्सीनेशन अभियान राज्य व्यापी हड़ताल की भेंट चढ़ गया है। इससे पहले की स्वास्थ्य विभाग दुर्ग कलेक्टर के निर्देशानुसार तीन दिवसीय अभियान को चलता सभी संविदा डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। इसकी वजह से जिले में यह अभियान शुरू होने से पहले ही रोकना पड़ा। दुर्ग सीएमएचओ डॉ. जेपी मेश्राम ने बताया कि अभियान का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया गया था। अभियान के तहत घर-घर जाकर लोगों को बूस्टर डोज लगाना था। जिले में जिस तेजी से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं उस लिहाज से यह अभियान चलाना बहुत जरूरी था। सभी स्वास्थ्य कर्मियों के सामूहिक हड़ताल में जाने से अभियान चलाने के लिए कर्मचारी नहीं मिले।इसे देखते हुए इस अभियान को आगे के लिए पोस्टपोन कर दिया गया है। टीकाकरण में लगी टीम को शुक्रवार को ही मोबाइल के माध्यम से मैसेज दे दिया गया था कि टीकाकरण अभियान कैंसिल कर दिया गया है। जल्द ही अभियान की नई तारीख तय की जाएगी।

अभियान चलाने के लिए भिलाई, रिसाली और जामुल क्षेत्र में 140 बूथ तैयार किए गए थे। यहां हर एक वार्ड में दो बूथ बनाए गए थे। इसमें 30 जुलाई को हर वार्ड के पहले बूथ में वैक्सीनेशन होना था, इसके बाद 31 को वार्ड के दूसरे बूथ में। भिलाई, जामुल, रिसाली के 70-70 बूथ में दो दिन टीकाकरण किया जाता। इसके बाद तीसरे दिन टीम घर-घर दस्तक देकर वैक्सीनेशन का सर्वे करके छूटे हुए लोगों को वैक्सीन लगाती। इसके लिए 70 अलग-अलग टीमें तैयार की गईं थीं। प्रदेश के कर्मचारी नेताओं का कहना है कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के तहत ना तो महंगाई भत्ता मिल रहा है और ना ही भाड़ा भत्ता। ऐसे में हर महीने 4 से 14000 का नुकसान हर कर्मचारी को हो रहा है। लंबे समय से इसे लागू किए जाने की मांग की जा रही थी। मगर प्रशासन के उदासीन रवैये की वजह से अब कर्मचारी हड़ताल के लिए विवश हुए थे।