भोपाल । प्रदेश में एक बार फिर से नगरीय निकाय चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इसलिए वक्त शक्ति प्रदर्शन का है। धरना प्रदर्शन में भीड़ नहीं जुटी तो किरकिरी हो जाएगी इसलिए राजनीतिक दल हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस ने एक नया रास्ता निकाल लिया है। उसने साफ कह दिया है कि धरना प्रदर्शन में जो दावेदार भीड़ लेकर आएगा पार्षद का टिकट उसे ही मिलेगा। मिशन 2023 की तैयारी में लगी कांग्रेस को अपने आंदोलनों में भीड़ न जुटने से हार की चिंता सताने लगी है। इसलिए कांग्रेस ने भीड़ जुटाने और लोगों को कांग्रेस से जोडऩे के लिए एक नया उपाय अपना लिया है। कांग्रेस महंगाई के विरोध में वॉर्ड स्तर पर धरना प्रदर्शन करने जा रही है। इसमें जो कार्यकर्ता सबसे ज्यादा भीड़ लाएगा, उसी को पार्षद का टिकट दिया जाएगा और उसी को संगठन में पद दिया जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी जिलाध्यक्षों को सौंपी गई है।

भीड़ लाओ-टिकट पाओ
प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। कांग्रेस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। वो महंगाई के विरोध में केन्द्र और राज्य की बीजेपी सरकार को घेर रही है, लेकिन उनके विरोध प्रदर्शनों में भीड़ नहीं जुट पा रही है, न तो कांग्रेस के नेता भीड़ जुटा पा रहे हैं और न युवा कांग्रेस के नेता युवाओं को इक_ा कर पा रहे हैं। ऐसे उसे मिशन 2023 फतह करने की चिंता सताने लगी है। यही वजह कि अब कांग्रेस महंगाई के विरोध में वॉर्ड और बूथ स्तर पर धरना-प्रदर्शन करने जा रही है। इसके लिए पार्टी ने अनोखा फॉर्मूला भी निकाल लिया है। सरकार के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों के लिए ब्लॉक और मंडलम अध्यक्षों सहित पार्षद का चुनाव लडऩे का सपना देख रहे नेताओं को भीड़ लाने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। वॉर्ड स्तर पर होने वाले धरना-प्रदर्शन में जो दावेदार भीड़ नहीं जुटा पाएगा उसे पार्षद का टिकट नहीं दिया जाएगा। ऐसी चेतावनी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सबको दे दी है। संगठन में भी वही जगह पाएगा जो कांग्रेस के लिए भीड़ इक_ा करेगा।

कमलनाथ की खरी-खरी
बढ़ती महंगाई के विरोध में कांग्रेस ने पिछले दिनो जहां देशव्यापी आंदोलन किया था, वहीं प्रदेश और जिला स्तर पर भी विरोध प्रदर्शन किए गए। लेकिन इन प्रदर्शनों में कांग्रेस अपेक्षित भीड़ नहीं जुटा पायी। प्रदर्शन में पार्टी के बड़े नेता शामिल ही नहीं हुए। जो नेता धरने पर बैठे थे, वो भी गर्मी के कारण ज्यादा देर नहीं बैठ पाए और चलते बने। वहीं यूथ कांग्रेस प्रदर्शन में भी युवा नहीं जुट पाए। इसलिए खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को आगे आना पड़ा है। उन्होंने खुली चेतावनी जारी की। यदि नेता भीड़ जुटाने में असमर्थ हैं तो वे टिकट की उम्मीद भी न रखें। अब देखने वाली बात ये होगी इस चेतावनी का वॉर्ड स्तर पर होने वाले आंदोलनों में कितना असर दिखाई देता है। भीड़ आती है या नहीं और अगर आती भी है तो वो वोट में बदल पाती है या नहीं।