मॉस्‍को । युद्धग्रस्त देश यूक्रेन की बर्बादी से डरे फिनलैंड और स्‍वीडन के उत्‍तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के ऐलान से अब उत्‍तरी यूरोप में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। रूसी राष्‍ट्रपति कार्यालय ने इसे खतरा बताया है और ऐलान किया है कि वह जवाबी कदम उठाएगा। इस बीच रूस में ब्रिटेन के पूर्व राजदूत का दावा है कि फिनलैंड को सबक सीखाने के लिए पुतिन बाल्टिक इलाके में अपनी परमाणु सेना को और ज्‍यादा मजबूत कर सकते हैं। इससे पहले गुरुवार को फिनलैंड ने ऐलान किया कि वह नाटो की सदस्‍यता के लिए आवेदन करेगा। ऐसी अपेक्षा है कि स्‍वीडन भी जल्‍द ही फिनलैंड के रास्‍ते पर चलेगा और नाटो की सदस्‍यता के लिए आवेदन देगा। फिनलैंड और स्‍वीडन के इस कदम से पश्चिमी देशों के सैन्‍य संगठन नाटो का विस्‍तार होगा और रूस की सीमा के और करीब तक पहुंच जाएगा। वह भी तब जब पुतिन ने नाटो के रूस की सीमा तक पहुंच को रोकने के लिए यूक्रेन पर हमला किया था।
यूरोप की सुरक्षा में पिछले कई दशक में यह बहुत बड़ा बदलाव होने जा रहा है। फिनलैंड और स्‍वीडन पूरे शीतयुद्ध के दौरान भी तटस्‍थ रहे थे लेकिन यूक्रेन की जंग के बाद ये दोनों देश पूरी तरह से पश्चिमी देशों के खेमे में जा रहे हैं। रूस में ब्रिटेन के पूर्व राजदूत सर टोनी ब्रेंटन ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि रूस नाटो को अपने खतरे के रूप में और ज्‍यादा देखने लगेगा। उन्‍होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध से यह साबित हो गया है कि रूस की परंपरागत सेना वह परिणाम नहीं दे पा रही है जिसकी पुतिन ने कल्‍पना की थी। ऐसे में रूस बहुत चिंतित होगा। इस बीच नाटो के महासचिव जेंस स्‍टोल्‍टेनबर्ग ने कहा है कि फिनलैंड का गर्मजोशी के साथ स्‍वागत होगा। उन्‍होंने वादा किया कि नाटो में शामिल होने की प्रक्रिया को बहुत सुगम बनाया जाएगा। उधर, अमेरिका ने फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के ऐलान का स्‍वागत किया है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति कार्यालय की प्रवक्‍ता ने कहा है कि हम फिनलैंड या स्‍वीडन के नाटो में शामिल होने के आवेदन का समर्थन करेंगे। इससे पहले फिनलैंड के राष्‍ट्रपति सौली और पीएम सना मारिन ने एक संयुक्‍त बयान में ऐलान किया था कि फिनलैंड को निश्चित रूप से बिना देरी के नाटो की सदस्‍यता के लिए आवेदन करना चाहिए।'
इस बीच रूस ने चेतावनी दी है कि फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के फैसले के जवाब में उसे ‘सैन्य तकनीकी’ कदम उठाने होंगे। रूस के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि नाटो के साथ फिनलैंड का जुड़ना ‘रूस-फिनलैंड संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचाएगा और उत्तर यूरोप में स्थिरता एवं सुरक्षा को भी प्रभावित करेगा’। उसने कहा कि रूस उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने उभरते खतरों से निपटने के लिए सैन्य-तकनीकी और अन्य प्रकार के प्रतिशोधात्मक कदम उठाने को बाध्य होगा।