भोपाल  ।   गोविंदपुरा भेल दशहरा मैदान पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन युवाओं की प्रेरक व भगवताचार्य जया किशोरी ने भक्त प्रह्लाद की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि जब प्रहलाद भगवान से मिले तो उन्हें बताया कि पांच वर्ष की आयु में हमारा बंधन रूपी मोह-माया रूपी पांच विवाह हो चुका है। मैं चाहकर भी इनसे छुटकारा नहीं पा सकता। इस पर भवान कहते हैं कि तुम भोग का उपयोग वर्षों से कर रहे हो। इस पर भगवान कहते हैं कि कोई चीज छोड़नी है, तो उसका त्याग करना चाहिए।

समुद्र मंथन की कथा सुनाई

जया किशोरी ने समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए कहा कि दुर्वासा ऋषि के श्राप से दैत्य इंद्र का सिंहासन छीन लेते हैं। पुन: उसे वापस दिलाने के लिए भगवान समुद्र मंथन करते हैं। इस दौरान दैत्यों को छलने के लिए मोहिनी अवतार लिया। इसके माध्यम से संदेश दिया कि सुंदरता के पीछे मत भागों, गुणों के पीछे भागो। सुंदरता के पीछे भागोगे तो अमृत छूट जाएगा। इसके बाद राहु-केतु और बामन अवतार की कथा सुनाते हुए बताया कि भगवान राजा बलि से तीन पग जमीन मांगते हैं, तो राजा बलि वचन दे देते हैं। यह बात शुक्राचार्य को पता चलता है तो वह मना करते हैं। इस पर राजा बलि कहते हैं कि वचन दे चुके हैं और दूसरी बात की भगवान स्वंय मांगने आए हैं। इस पर भगवान बामन दो पग में आकाश पाताल नाप लेते हैं और पूछते हैं कि तीसरा पग कहां रखूं तो राजा बलि अपना शरीर दान कर देते हैं।

धर्म के पांच लक्षण

जया किशोरी ने कहा कि नारद जी और युधिष्ठिर के बीच चर्चा में नारद जी ने धर्म के पांच लक्षण बताए। इसमें सत्य, दया, पवित्रता, तपस्या और दीक्षा। किसी को कुछ कहने से पहले 100 बार सोचना चाहिए, जो बात खुद को अच्छी न लगे वह दूसरों को न कहें। विश्वास सबसे बड़ा होता है। यदि आप किसी बात को विश्वास से कहते हैं और भरोसा रखते हैं तो उसे पूरा करने का काम भगवान का होता है।

सुनाया गजेंद्र-ग्राह प्रसंग

जया किशोरी ने भागवत कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि राज परीक्षित शुकदेव जी से पूछते हैं कि भगवान ने क्या किसी पशु को दर्शन दिए हैं। इस पर शुकदेव जी गजेंद्र और ग्राह की कथा सुनाते हुए बताते हैं कि जब जल में गजेंद्र को ग्राह पकड़ लेता है और वह डूबने लगते तो भाई बंधु, सखा सभा को पुकारते हैं पर कोई उनकी मदद को नहीं आता, तब वे भगवान को पुकारते हैं। इस पर भगवान आकर ग्राह को मारकर गजेंद्र की रक्षा करते हैं। इसके बाद भगवान राम की कथा सुनाते हुए बताया कि राजा दशरथ की तीनों रानियों से राम, लक्ष्मण, भरत और सत्रुघ्र जन्म लेते हैँ। कथा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनाई। इसके बाद नंदोत्सव मनाते हुए जेल में जन्मे कृष्ण कन्हैया बहुत बधाई हो की सुमधुर भजनों से कथा स्थल पर मौजूद श्रद्धालु भक्ति नृत्य करने लगे। कथा सुनने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, कृषि मंत्री कमल पटेल, महापौर मालती राय, गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के श्रमिक नेता दीपक गुप्ता, शुभावती, हीरा प्रसाद यादव, निशा, सुनील यादव, विकास वीरानी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।