बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पहले दिन भारत को कोई पदक नहीं मिला था, लेकिन दूसरे दिन विटलिफ्टिंग में देश को चार पदक मिले। शुरुआत रजत के साथ हुई फिर कांस्य आया और मीराबाई ने स्वर्ण की चाहत भी पूरी कर दी। बिंदियारानी ने रजत के साथ ही दिन का अंत किया। देश के लिए पदक जीतने के बाद इन खिलाड़ियों ने अपने दिल की बात कही। संकेत ने देश के स्वतंत्रता सेनानियों को अपना पदक समर्पित किया तो गुरुराजा ने अपनी पत्नी को यह पदक समर्पित किया। 
गुरुराजा ने 61 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीतने के बाद कहा "मैं अपना पदक अपनी पत्नी को समर्पित करता हूं और अपने सभी समर्थकों को धन्यवाद देता हूं। मुझे खुशी है कि संकेत ने रजत जीता और मैंने कांस्य जीतकर भारत के लिए दूसरा पदक जीता। मैं और बेहतर कर सकता था हालांकि 269 किग्रा अच्छा है। मैं हाल ही में बीमार पड़ गया था, लेकिन मैं ठीक हो गया और अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।" पुजारी ने कहा कि पोडियम पर खड़े तिरंगे को ऊंचा उड़ते हुए देखकर उन्हें गर्व महसूस हुआ। मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता। यह मेरा सपना था।"

देश को पहला पदक दिलाने वाले संकेत ने कहा कहा भारत की आजादी को 75 साल पूरे हो चुके हैं। इस साल देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसके साथ ही उन्होंने अपना रजत पदक देश के स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित किया, जिन्होंने भारत को आजाद कराने के लिए अपनी जान गंवा दी थी।