आयोग ने कहा - सीएमएचओ दमोह तीन सप्ताह में दें जवाब

दमोह जिले के हटा कस्बे के सिविल अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगा है। मानपुरा गांव के एक परिवार का कहना है कि नर्सिंग स्टाफ ने गर्भनाल काटने के बाद नवजात बच्चे के साथ कैंची फंसी छोड़ दी और फिर बच्चे को कपड़े में लपेटकर दे दिया। फिर सभी बच्चे को घर लेकर आ गये। इस बीच अचानक बच्चा रोने लगा। फिर परिवार वालों ने कपड़ा हटाकर देखा तो, उसके नाल से कैंची लटक रही थी। फिर परिवारजनों ने इस बात की जानकारी तत्काल आशा कार्यकर्ता को दी। इसके बाद उन्हें फिर सिविल अस्पताल बुलाया गया। हटा सिविल अस्पताल की तीन नर्सों को दायित्व निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति  नरेन्द्र कुमार जैन ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, दमोह एवं प्रभारी अधिकारी, सिविल अस्पताल, हटा कोे तीन सप्ताह में मामले की जांच करके/कराके तथ्यात्मक रिपोर्ट देने को कहा है।