धूम्रपान कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है लेकिन आपकी ये आदत और भी कई गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है। फेफड़ों के साथ ही धूम्रपान हार्ट फंक्शन को भी प्रभावित करता है। अगर गर्भवती महिलाएं धूम्रपान करती हैं तो इससे उनके होने वाले बच्चों में कई तरह के विकार देखने को मिल सकते हैं।

फेफड़े पर डालता है असर : धूम्रपान करने वालों के फेफड़े यानी लंग्स सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। दरअसल, सिगरेट से निकलने वाला धुंआ फेफड़ों में मौजूद छोटे वायु थैली को डैमेज करने का काम करता है जिससे फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। फेफड़ों की बीमारियों में सीओपीडी सबसे आम है।
कार्डियोवस्कुलर संबंधित समस्याएं : धूम्रपान दिल की सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता। निकोटीन, ब्लड वेसेल्स में कसाव की वजह बनता है, जिसके कारण ब्लड का सर्कुलेशन सही तरह से नहीं होता। ब्लड का प्रेशर एकदम से बढ़ जाता है या यो कहें कि नॉर्मल से हमेशा ही थोड़ा ज्यादा रहता है। जिससे ब्लड वेसेल्स की दीवार कमजोर हो जाती है। यहां तक कि बल्ड क्लॉटिंग का भी खतरा रहता है।
डायबिटीज का जोखिम  : मोटापे के बाद धूम्रपान करने वाले लोगों में डायबिटीज के खतरे की संभावनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। धूम्रपान करने से इंसुलिन हॉर्मोन के प्रोडक्शन पर भी असर पड़ता है। और अगर कोई व्यक्ति पहले से ही डायबिटीज का मरीज है तब तो धूम्रपान करना उसके लिए बहुत ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।
प्रजनन क्षमता पर असर :  धूम्रपान पुरुषों से लेकर महिलाओं तक की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान की आदत होेने वाले बच्चे की सेहत पर असर डालती है। होने वाले नवजात का वजन कम होना, गर्भाशय में ही या पैदा होने के तत्काल बाद मृत्यु हो जाना व जन्मजात बीमारियां होने आदि का खतरा बना रहता है।