विदेशी निवेशकों के भारतीय बाजार को लेकर रुख में पिछले हफ्ते बदलाव देखने को मिला है। अब फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) बिकावाली से खरीददारी की तरफ शिफ्ट हो गए हैं और पिछले हफ्ते करीब 7,600 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

डिपॉजिटरीज की ओर से जारी किए गए डाटा के मुताबिक, एफपीआई ने 17 फरवरी को समाप्त हुए कारोबारी हफ्ते में कुल 7,666 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले के हफ्ते (7-12 फरवरी के बीच) एफपीआई की ओर से 3,920 करोड़ रुपये की बिकवाली की गई थी।

इस कारण बढ़ा एफपीआई का निवेश

समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि जैसे ही बाजार ने अदाणी ग्रुप को लगे झटकों से उबरना शुरू किया है। एफपीआई की ओर से किए जाने वाले निवेश में भी सुधार हुआ है। इससे पता लग रहा है कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों में फिर से रुचि ले रहे हैं।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जनवरी की शुरुआत से भारत में जारी बिक्री खत्म हो गई है, लेकिन वे फिर से बाजार के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद बिकवाली शुरू कर सकते हैं।

2023 की शुरुआत से जारी थी बिकवाली

एफपीआई की ओर से पिछले कुछ समय से लगातार बिकवाली की जा रही थी। 2023 की शुरुआत से 10 फरवरी तक एफपीआई 38,524 करोड़ की बिकवाली कर चुके हैं, जिसमें से 28,852 करोड़ की बिकवाली केवल जनवरी में ही की गई थी। वहीं, इस साल की शुरुआत से अब तक एनएसई का बेंचमार्क निफ्टी50 ने 1.4 प्रतिशत का नकारात्मक रिटर्न दिया है।