भोपाल । मप्र प्राथमिक शिक्षक पात्रता (वर्ग-3) परीक्षा  के  प्रश्नपत्र के वायरल  स्क्रीन शाट की जांच कराई जाएगी। विपक्ष के सरकार पर जोरदार हमलावर होने के बाद यह फैसला लिया गया है। एमपी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की ओर से आयोजित शनिवार को समाप्त हुई। यह परीक्षा आनलाइन ली जा रही थी। मालूम हो कि मप्र प्राथमिक शिक्षक पात्रता (वर्ग-3) परीक्षा में 25 मार्च को हुए प्रश्नपत्र का कम्प्यूटर स्क्रीन का स्क्रीन शाट शनिवार को इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया था। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं ने ट्वीटर पर सरकार पर हमला शुरू कर दिया। कांग्रेस नेताओं ने इस परीक्षा की गंभीरता से जांच करने की मांग की है। सबसे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण यादव ने ट्वीट कर परीक्षा के प्रश्नपत्र का स्क्रीन शाट के वायरल होने को बडा मामला बताते हुए, व्यापम घोटाले से जोड़ दिया है। कांग्रेस ने प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर मोबाइल पर पेपर वायरल होने की घटना पूरी गंभीरता से जांच करने की मांग की है। इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, विधायक पीसी शर्मा ने भी इस मामले की जांच की मांग की है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि यह गंभीर आरोप है। इसकी जांच तत्काल होनी चाहिए। पीसी शर्मा ने ट्वीटर पर वायरल हो रहे पेपर को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए पीईबी द्वारा आयोजित परीक्षाओं पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि लगातार व्यापम परीक्षाओं में गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। इससे पहले ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा में पेपर लीक होने के कारण निरस्त करनी पड़ी थी। बाद दोबारा परीक्षा आयोजित करनी पड़ी थी। इसके अलावा अभी पुरानी जांचें चल ही रही हैं। पीईबी की ओर से 10 व 11 फरवरी 2020 में कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के करीब 800 पदों के लिए लिखित परीक्षा ली गई थी। इस परीक्षा में कई सारे अभ्यर्थियों के अंक एक समान आए थे। इस परीक्षा के भी कुछ प्रश्नपत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए थे। इसके बाद इस परीक्षा गड़बड़ी होने के संदेह पर इसे निरस्त किया गया था। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री व मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने व्यापम बस अपना नाम ही बदलता रहता है। तीसरी बार नाम बदलने के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड कर दिया है और प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा ली जा रही है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर यह लिखा है कि जब परीक्षा आनलाइन हो रही है, जिसमें मोबाइल फोन पूरी तरह वर्जित है तो फिर यह स्क्रीन शॉट वायरल कैसे हो रहा है। पीईबी की ओर से मप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा आनलाइन आयोजित की गई। इसमें अभ्यर्थियों को कंप्यूटर पर आनलाइन परीक्षा देनी होती है। परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे होते हैं। साथ ही जब भी अभ्यर्थी कंप्यूटर पर क्लिक करेगा, उतनी बार उसका स्क्रीन शॉट अपने आप कैप्चर हो जाएगा। वह स्क्रीन शॉट सिस्टम से मुख्य सर्वर में ले लिया जाता है और इन सभी स्क्रीन शॉट को पीईबी के पास भेजा जाता है। फिर उस एक-एक स्क्रीन शॉट को मैच किया जाता है। इस तरह से इस परीक्षा को गोपनीय रखा जाता है। बता दें, कि मप्र प्राथमिक शिक्षक पात्रता वर्ग-3 की परीक्षा पांच से 26 मार्च तक आनलाइन मोड में आयोजित की गई। इसमें प्रदेश भर से करीब करीब नौ लाख 37 हजार उम्मीदवार शामिल हुए हैं। इस बारे में  एमपीपीईबी अध्यक्ष आइसीपी केशरी का कहना है कि मामले की जानकारी मिली है। मप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर मामले की जांच कराएगा।