जबलपुर ।  नगर निगम के पं भवानी प्रसाद तिवारी सभाकक्ष में सुबह 11 बजे से शुरू हुई बजट पर चर्चा भोजन अवकाश के बाद शाम करीब सात बजे तक चलती रही। बजट पास होने पर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने कहा कि शहर विकास की अवधारणा को लेकर पारित वर्ष 2023-24 का अनुमानित ये बजट शहर की दशा और दिशा बदल देगा। आगामी एक वर्ष में शहर में ऐसे विकास कार्य देखने मिलेंगे जो पहले कभी नहीं हुए। उन्होंने कहा कि नर्मदा शुद्धिकरण का जो संकल्प लिया है उसे पूरा किया जाएगा दीपावली तक नर्मदा में एक बूंद गंदा पानी नहीं मिलेगा दीवावली पर 11 हजार दीपों से नर्मदा में उत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने विपक्ष को ये आइना भी दिखाया कि इसके पहले भी 15 वर्षों के बजट के आंकड़े उनके पास है। पहले भी 1400 करोड़ तक के बजट पारित किए गए जिसमें बमुश्किल 45 प्रतिशत कार्य ही धरातल पर उतरे। 55 प्रतिशत नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि ये महापौर का पहला बजट है फिर भी इसमें जो प्रविधान किए गए हैं उन्हें पूरा करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इस दौरान उन्होंने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप कि बजट घोषणाओं का पुलिंदा है, सपनों का बजट है कि जबाव पर कहा कि मैने और जनता ने शहर विकास का जो सपना देखा है वे जरूर साकार होगा। सपना देखेंगे तभी उसे पूरा कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि बजट बैठक के दौरान उन्हें घोषणावीर, निष्क्रिय महापौर और न जाने क्या-क्या कहा गया इसके जबाव में कहा कि महज छह माह के कार्यकाल में मैं घोषणवीर हो नहीं सकता। निष्क्रिय भी नहीं हूं शहर में कहां क्या काम हो रहे है, क्या समस्या है ये देखने सुबह से घर से निकल जाता हूं।

नेता प्रतिपक्ष ने गिनाईं खामियां

इसके पहले नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने बजट की खामियां गिनाते हुए नर्मदा शुद्धिकरण के लिए जो कार्य किए जा रहे वह सफल नहीं होंगे। अहमदाबाद की साबरमती नदी की तर्ज पर चैनल वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाने चाहिए। इसके लिए एक कमेटी गठित की जाए। उन्होंने बजट में किए गए प्रविधानों को आंकड़ों की बाजीगरी बताया। अतिथि सत्कार के लिए 75 लाख रुपये का प्रविधान किए जाने पर भी सवाल खड़े किए। यात्रा व्यय पर एक लाख रुपये किए जाने पर भी सवाल उठाए। महापौर ने सभी सवालों का जबाव देते हुए कहा कि बजट में जो भी प्रविधान किए गए है उस पर पूरी गंभीरता बरती गई है। जो राशि जिस मद उल्लेखित है वे राज्य शासन के साफ्टवेयर के अनुसार है अलग से नया हेड नहीं बनाया जा सकता नही तो बजट की राशि नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि 75 लाख रुपये अतिथि सत्कार में सदन, एमआइसी की बैठक, वीआइपी के आगमन सहित अन्य खर्च समाहित है।

पानी को लेकर एमआइसी सदस्य ने भी व्यक्त की पीड़ा

नगर निगम सदन की बजट बैठक में शुरूआती दौर में पानी का मुद्दा छाया रहा। मेयर इन कौसिंल के सदस्य मनीष पटेल ने भी पानी की किल्लत पर निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए है। नगर निगम के जल विभाग के कार्यपालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव उनके निशाने पर रहे। पार्षद महेश राजपूत सहित अन्य विपक्षी पार्षद भी जलसंकट पर नगर सत्ता को घेरते दिखे। महापौर ने कहा कि वे सभी जोन में जाकर पानी की समस्या का निराकरण कराएंगे।

बजट में ये हुए संशोधन

90-90 लाख रुपये तक के कार्य पार्षद की अनुशंसा पर होंगे, नए वार्ड पार्षद अतिरिक्त 15-15 लाख के कार्य करा सकेंगे। 79 वार्ड पार्षदों को एंड्राइड मोबाइल मिलेगा, 10 लाख रुपये का किया प्रविधान। 36 की जगह 48 कार्यक्रम मानस भवन किए जा सकेंगे। 30 कार्यक्रम महापौर की अनुशंसा पर हाेंगे 18 निगमाध्यक्ष की अनुशंसा पर। 2-2 लाख रुपये पार्षद स्वेच्छा निधि के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। महापौर समस्त पार्षदों की अनुशंसा पर साल भर में लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से सभी वार्डो में विकास कार्य करा सकेगें।

ये निर्णय भी हुए

नर्मदा शुद्धिकरण के लिए समिति बनेगी जो साबरमती जाकर एसटीपी का अवलोकन करेगी। एक सप्ताह के भीतर हटाए जाएंगे लेफ्ट टर्न के अतिक्रमण, निगमायुक्त को दिए निर्देश। यातायात को बेहतर बनाने 10 चौराहे और इंटिग्रेटड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) से होंगे लैस।

आय के रास्ते बताए

रिडेंसिफिकेशन योजना के तहत नगर निगम अपनी आय बढ़ाएगा। खर्चों में कटौती, सौर ऊर्जा को बढ़ावा, वर्तमान में नगर निगम बिजली बिल में ही सालाना करीब 50 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। ग्रीन बांड जारी कर नगर निगम पर्याप्त धनराशि जुटाएगा जिसे शहर विकास में खर्च किए जाएंगे। ये ऐसे बांड होते हैं जिनका उपयोग सरकार ऐसी वित्तीय परियोजनाओं में करती है जिसका पर्यावरण पर एक सकारात्मक असर पड़ता है। ग्रीन प्रोजेक्ट्स के लिए धनराशि जुटाने में मदद करता है।

विधायक भी पहुंचे, कहा- पानी की टंकी के लिए देंगे 40 प्रतिशत राशि

बजट बैठक में विधायक विनय सक्सेना भी पहुंचे। उन्होंने मौलाना अब्दुल कलाम आजाद और सरदार वल्लभ वार्ड में पानी की किल्लत की बात कही। ये सुझाव भी दिया कि यदि इन वार्डों में एक छोटी टंकी का निर्माण कर दिया जाए तो पानी जलसंकट की समस्या से जनता को निजात मिल जाएगी। उन्होंने कहा टंकी निर्माण में जितनी भी लागत आएगी उसके लिए विधायक निधि से 40 प्रतिशत राशि देने तैयार हूं। उन्होंने हाउबाग स्टेशन भूमि तथा छोटी लाइन फाटक से गौरीघाट नई सड़क बनाए जाने, संस्कृत विद्यालय का भुगतान कर प्राथमिकता के साथ निर्माण कराने का सुझाव भी दिया।

ट्रेड लाइसेंस के तहत 10 गुना शुल्क बढ़ाने पर उपसभापति की आपत्ति

बजट बैठक में उपसभापति व पार्षद अयोध्या तिवारी ने प्रदेश सरकार द्वारा ट्रेड लाइसेंस के तहत 10 गुना तक शुल्क बढ़ाए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने नगर निगम अध्यक्ष को एक प्रस्ताव पत्र प्रस्तुत कर बताया कि अभी तक यह शुल्क हर व्यापार की अलग-अलग कैटेगरी के आधार पर दस रुपए से लेकर 15-20 हजार रुपए तक लिया जाता था। लेकिन अब ट्रेड लाइसेंस शुल्क (व्यापार अनुज्ञप्ति शुल्क) प्रति वर्गफीट और दुकान, संस्थान के सामने वाली रोड की चौड़ाई के आधार पर नियत कर दिया गया है। जिससे व्यापारियों पर अतिरिक्त भार आएगा व्यापारियों के हित में बढ़ा शुल्क वापस लेने की मांग की।