हाई कोलेस्ट्रॉल स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी स्थिति है जिससे हम सभी अच्छी तरह जानते हैं। यह स्थिति मानव शरीर पर किस तरह क़हर बरपाती है, इस बारे में आपको बताने की ज़रूरत नहीं। इसे हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया भी कहा जाता है। यह रक्त प्रवाह में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल की उपस्थिति है, जो रक्त प्रवाह को सीमित करता है और दिल के दौरे या हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाता है। हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया को लिपिड डिसऑर्डर या हाइपरलिपिडिमिया के रूप में भी जाना जाता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण- हाई कोलेस्ट्रॉल के आम लक्षणों में मतली आना, सुनन, कमज़ोरी, हाई ब्लड प्रेशर, सांस फूलना, सीने में दर्द जैसे दिक्कतें महसूस होना शामिल हैं। हालांकि, यह लक्षण दूसरी कई बीमारियों के संकेत भी हैं, जिसकी वजह से लोगों को हाई कोलेस्ट्ऱॉस का देर से पता चलता है।

आंखों में दिखते हैं हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण-  हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से आंखों में कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं। हालांकि ये लक्षण उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए ही नहीं हैं, लेकिन इनके दिखने पर आपको डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।

Xanthelasmas सफेद या पीले रंग के प्लाक होते हैं, जो ऊपरी पलक की बाहरी सतह पर देखे जा सकते हैं। हालांकि, यह स्थिति भी कई और बीमारियों से जुड़ी भी है, लेकिन इसे अक्सर हाई कोलेस्ट्रॉल से जोड़ा जाता है। यह आमतौर पर छूने पर मुलायम और सॉलिड होते हैं। कॉर्नियल आर्कस भी उच्च कोलेस्ट्रॉल का एक अन्य संकेत है। यह आंख के आईरिस के चारों ओर एक हल्का सफेद रंग का छल्ला होता है। आईरिस आंख का रंगीन हिस्सा है। एअगर आपकी उम्र 50 से कम हैं और आपके कॉर्नियल आर्कस है, तो यह इस बात का एक मज़बूत संकेत है कि आपको पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया है। भारत में हर साल औसतन एक करोड़ से अधिक उच्च कोलेस्ट्रॉल के मामले सामने आते हैं। 

कोलेस्ट्रॉल मानव शरीर में कुछ ज़रूरी काम करता है। इसका उपयोग एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन और अधिवृक्क हार्मोन जैसे हार्मोन की तैयारी के लिए कोशिका झिल्ली की संरचना के निर्माण के लिए किया जाता है। कोलेस्ट्रॉस मेटाबॉलिज़म को बढ़ावा देने के साथ शरीर में विटामिन-डी के उ्पादन के लिए भी ज़रूरी होता है।