उदयपुर    कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर(नव संकल्प शिविर) की वेलकम स्पीच में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा- पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब कर्ज उतारने का समय है। सोनिया ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को त्याग करके पार्टी हित में काम करने की नसीहत दी है। कांग्रेस कार्यसमिति में कही गई बात को आज खुले में दोहराई है। कहा- ऐसा समय आया है कि हमें संगठन हितों के अधीन काम करना होगा। सबसे आग्रह है कि खुलकर अपने विचार रखें, मगर बाहर एक ही संदेश जाना चाहिए संगठन की मजूबती, मजबूत निश्चय और एकता का ।

बीजेपी देश में डर-असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही

उन्होंने BJP और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कहा- बीजेपी-केंद्र सरकार देश में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही है। अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है। धर्म के नाम पर पॉलराइजेशन किया जा रहा है। अल्पसंख्यक हमारे देश में बराबर के नागरिक हैं। यह हमारी पुरानी बहुलवादी कल्चर का परिचायक है। विवि​धता में एकता में हमारी पहचान रही है।

सोनिया ने कहा असाधारण हालात का मुकाबला असाधारण तरीके से ही करें

आज राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जा रहा है, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश की जा रही है, जिसमें पंडित नेहरू के योगदान और देश के लिए त्याग को योजनाबद्ध तरीके से कम करके दिखाने का प्रयास हो रहा है। ये लोग महात्मा गांधी के हत्यारे का महिमामंडन कर रहे हैं और गांधी के सिद्धांतों को मिटा रहे हैं। उन्होंने कहा- देश के पुराने मूल्यों को खत्म किया जा रहा है। दलित आदिवासी और महिलाओं में असुरक्षा का माहौल है। देश में डर का माहौल बनाया जा रहा है। देश में लोगों को लड़ाने का बीजेपी लगातार प्रयास कर रही है।

हमें मिली विफलताओं से हम बेखबर नहीं हैं। न हम बेखबर हैं संघर्ष और कठिनाइयों से जो हमें आगे करना है। लोगों की उम्मीदों से हम अनजान नहीं है। हमें यह प्रण लेने इकट्ठा हुए हैं, हम देश की राजनीति में अपनी पार्टी को उसी भूमिका में लाएंगे जो सदैव निभाई है, जिस भूमिका की उम्मीद इस बिगड़ते समय में देश की जनता करती है। हम आत्मनिरीक्षण कर रहे हैं। यह तय करें कि यहां से निकलें तो एक नए आत्मविश्वास और कमिटमेंट से प्रेरित होकर निकलेंगे।

आज पार्टी के सामने असाधारण परिस्थितियां हैं। असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से ही किया जा सकता है। हर संगठन को जीवित रहने बढ़ने के लिए भी अपने अंदर पैनापन लाना होता है। हमें सुधारों की सख्त जरूरत है। हमें रणनीतिक बदलाव, ढांचागत सुधार और रोजाना काम करने के तरीके में बदलाव सबसे बुनियादी जरूरी मुद्दा है। हमारा उत्थान सामूहिक प्रयासों से ही हो पाएगा। ये प्रयास आगे टाले नहीं जा सकते। न आगे जा सकते हैं, न टाले जा सकते हैं यह प्रभावशाली कदम होगा।

धर्म के नाम पर देश पर काबिज हो गए

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यूपीए सरकार के समय में लोग क्या कहेंगे इसका ध्यान रखा जाता था। आज ये लोग धर्म के नाम पर देश पर काबिज हो गए हैं। धर्म जाति ऐसी चीज है कि आप दंगे भड़का सकते हो। अब राजस्थान तो टारगेट में नंबर वन है। दंगाई का, सीबीआई, ईडी का छापा शुरू हो जाता हे। इनके लोग दूध के धुले हैं, इन पर कोई छापा नहीं पड़ता।

हमारी कमजोरी है कि हम काम करते हैं, मार्केटिंग नहीं

गहलोत ने कहा- देश 70 साल में कहां से कहां पहुंच गया। कांग्रेस के सिद्धांत, नीतियां देश के डीएनए की तरह हैं। ये बेशर्मी से कहते हैं कि कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया? हमारी कमजोरी है कि हम काम करते हैं, लेकिन मार्केटिंग नहीं करते। ये झूठे फरेबी लोग हैं, काम कम करते हैं, मार्केटिंग ज्यादा करते हैं। कभी गुजरात मॉडल की बात करते हैं।

चिंतन शिविर को नाम दिया नव संकल्प शिविर

कांग्रेस ने इस चिंतन शिविर को नव संकल्प शिविर नाम दिया है। अब तक कांग्रेस ऐसे शिविर का नाम चिंतन शिविर ही रखती आई है, लेकिन माना जा रहा है कि इस बार कई बड़े फैसले कांग्रेस करने वाली है। इसी वजह से इसका नाम नव संकल्प शिविर रखा गया है। लेकसिटी के ताज अरावली में हो रहे इस शिविर में कांग्रेस की ओल्ड गार्ड से लेकर युवा चेहरे तक नजर आ रहे हैं। यहां पहुंचे पार्टी के नेताओं का कहना है यह शिविर किसी आम इवेंट जैसा नहीं होगा। इसमें लिए गए निर्णय नई कांग्रेस की नींव रखेंगे। चाहे वह लीडरशिप चेंज को लेकर हों या परिवारवाद को खत्म करने से सबंधित हों। कांग्रेस में अब एक परिवार से एक ही टिकट गांधी परिवार इस दायरे से बाहर, 5 साल से ज्यादा पद पर नहीं रहेंगे नेता

नए मॉडल लागू होंगे

कांग्रेस में बदलाव के साथ सभी नए मॉडल भी लागू किए जाएंगे। टिकट डिस्ट्रीब्यूशन से लेकर पद पर लंबे समय तक पद पर बने रहने वाले फॉर्मूला को बदलने की भी बात की जा रही है। इसके अलावा पार्टी में लगातार किसी को 5 साल के बाद पद नहीं दिया जाए, कम से कम 3 साल का कूलिंग पीरियड रहे। तीन साल के गैप के बाद ही आगे कोई पद दिया जाए।