खरगोन   खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान उपजी हिंसा के बाद मध्य प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ऐक्शन मोड में है। जिला प्रशासन ने पत्थरबाजों के घरों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें जमींदोज कर दिया। इस दौरान तोड़े गए मकानों में एक मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना था। 65 वर्षीय विधवा महिला का आरोप है कि प्रशासन ने उनकी बात नहीं सुनी और उनका मकान ढहा दिया। वहीं मामले में प्रशासन ने भी अब सफाई देते हुए कहा कि यह मकान सरकारी जमीन पर बना हुआ था। जिसे हटाने के आदेश पहले ही जारी हो चुके थे। खरगोन के वार्ड नंबर 11 बिरला मार्ग पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 65 वर्षीय हसीना के नाम पर यह मकान बना था। प्रधानमंत्री आवास के तहत 1 लाख रुपए की दो किस्त और तीसरी किस्त 50 हजार मकान बनाने के लिए मिले थे। विधवा महिला का आरोप था कि मकान बनाने  के 6 महीने बाद दंगाइयों के अतिक्रमण हटाने की मुहिम के चलते उनका भी मकान गिरा दिया गया। 

गलत लोकेशन पर बनाया गया था मकान: प्रियंका पटेल

वहीं नगर पालिका सीएमओ प्रियंका पटेल ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का मतलब है कि मकान रहने के लिए दिया गया है। लेकिन यह परिवार घर पर नहीं रह रहा था। घर में जानवर बांधकर रखे गए थे। सीएमओ पटेल ने कहा कि यह मकान शासकीय भूमि पर बना लिया गया था। इसका मामला तहसील कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में रिमूव करने के ऑर्डर भी हो चुके हैं, जिसके बाद कार्रवाई की गई है। सीएमओ ने बताया कि जियो टैगिंग में पहले इसकी लोकेशन कहीं और बताया गया था और बाद में कहीं और मकान बनाया गया है।