बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी स्वामी विवेकानंद की जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस पर शिक्षक व छात्रों को संबोधित किया और कहा कि एक सुशिक्षित युवा ही एक सभ्य और प्रगतिशील समाज की नींव होता है। आमतौर पर शिक्षा का नाम आते ही हमारे दिमाग में सिर्फ स्कूल और कॉलेज की किताबी पढ़ाई की ही तस्वीर उभरती है। लेकिन शिक्षा का दायरा इससे कहीं ज्यादा विस्तृत और व्यापक है। शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ विद्यार्थियों को डिग्री या सर्टिफिकेट देने तक सीमित नहीं होना चाहिए। सही मायनों में शिक्षित होने का अर्थ है कि हमारे विद्यार्थी शारीरिक और मानसिक रूप से भी स्वस्थ और मजबूत हों, समाज में बदलाव लाने के लिए उनके पास अपना एक विजन, अपनी एक सोच हो। इसलिए जरूरी है कि हम शुरूआती स्तर से ही अपने विद्यार्थियों को इस तरह से तैयार करें, कि वो सही मायनों में शिक्षित कहलाएं। उन्होंने ने जीवन को प्रेरणा से ओतप्रोत करने वाले स्वामी जी के 10 विचारों को दोहराया कि उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए। खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है। जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते। सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा। बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है। ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है। विश्व एक विशाल व्यायामशाला है, जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं। दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो। शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है। किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए-आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
विचारों का आत्मसात करने की जरूरत: सौमित्र
अटल यूनिवर्सिटी के शिक्षक संघ के अध्यक्ष सौमित्र तिवारी ने कहा कि युवा यदि दाम से ज्यादा काम करता है तो उसे सफल होने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती। हर समय ही देश के विकास में युवा पीढ़ी का बहुत बड़ा योगदान होता है। स्वामी जी देशभर के सभी युवाओं के लिए प्रेरणा थे। आज के इस समय में हम सभी युवाओं को स्वामी जी के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है। उन्हीं से हमने सीखा है कि यदि हम धैर्य के साथ काम करते रहेंगे तो बड़ा लक्ष्य भी हासिल कर सकेंगे।