Chhindwara // कांग्रेस, प्रदेश भाजपा सरकार पर छिंदवाड़ा से भेदभाव करने का आरोप लगाती रही है मंगलवार को विधानसभा में भी यही मामला गूंजा दरअसल परासिया विधायक सोहन वाल्मीकि ने कहा कि पहले जनभागीदारी में शासन द्वारा 50% एवं जनता की सहभागिता 50% होती थी लेकिन अब शासन द्वारा 25% राशि ही दी जा रही है वहीं विधायक को मिलने वाली स्वेच्छा अनुदान की राशि देने की प्रक्रिया भी बहुत लंबी है सोहन वाल्मीकि ने प्रश्न पूछते हुए कहा कि छिंदवाड़ा जिले की की 2023 की राशि अभी तक नहीं दी गई है जबकि प्रदेश के अन्य जिलों की जनभागीदारी की राशि जारी की जा रही है ऐसे में छिंदवाड़ा से भेदभाव किया जा रहा है राशि काटने के पीछे क्या कारण है इसका जवाब दिया जाए इसके उपरांत विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने ऐसे मामलों के लिए अधिकारियों के अलावा विधायकों की समिति बनाने की बात कही परासिया विधायक सोहन वाल्मीकि की बात पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कहा कि विधायक की बात सही है मैं सहमत हूं हर विभाग के कार्यों में भी छिंदवाड़ा से ऐसा ही व्यवहार कर रहा है

वहीं चर्चा में पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ ने भी शामिल होते हुए कहा कि पिछले 1 साल में छिंदवाड़ा और जीतू पटवारी के क्षेत्र से में 12000 करोड़ से अधिक की विकास कार्य किए गए हैं.

 

 

कोरोनावायरस से मौतों का भी उठा मुद्दा

 

केवल छिंदवाड़ा के ही किसानों का कर्ज माफ हुआ जालम सिंह पटेल

 

चर्चा में पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल ने कहा कि कमलनाथ सरकार में सिर्फ छिंदवाड़ा के किसानों का कर्ज माफ किया गया है इस पर सोहन वाल्मीकि ने कहा कि कृषि मंत्री ने ऑन रिकॉर्ड बयान दिया है कि प्रदेश में 2700000 किसानों की कर्ज माफी हुई है उस पर जीतू पटवारी ने कहा कि आपने तो मान भी लिया की कर्ज माफी हुई है भाजपा के अन्य नेता या झूठ बोलते हैं कि प्रदेश में कहीं भी कर्ज माफी नहीं हुई है

न्यूज़ सोर्स : छिंदवाड़ा से भेदभाव पर भड़के कमलनाथ विधान सभा में गूंजा मामला