नई दिल्ली । ऐसा लगता है कि विभिन्न कारोबार से जुड़ा अदाणी समूह अब हिंडनबर्ग प्रभाव से बाहर ‎निकल गया है। समूह ने एक सप्ताह के भीतर 1.2 अरब डॉलर का तांबा संयंत्र खोला, उड़ीसा में बंदरगाह खरीदा और सीमैंट कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाई। साथ ही अपने प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाली मुकेश अंबानी की रिलायंस के साथ करार भी किया है। समूह ने पिछले एक सप्ताह में शेयर बाजारों को दी सूचना और प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से अपने मुख्य बंदरगाह कारोबार में विस्तार और निवेश, धातु रिफाइनिंग में विविधीकरण, दो साल पुराने सीमैंट क्षेत्र में पूंजी डाले जाने और अपनी वृहत सौर परियोजना के चालू होने के मामले में लगातार हो रही प्रगति की घोषणा की है। ‎विश्लेषकों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में की गई घोषणाएं इस बात का संकेत है कि अदाणी फिर से विस्तार की राह पर है। कंपनी प्रबंधन ने हाल में निवेशकों को दी सूचना में कहा कि समूह ने अपने बुनियादी ढांचे के कारोबार के विस्तार के लिए अगले दशक में सात लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई है।