भोपाल : आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रामकिशोर कावरे ने प्रदेश के सभी आयुष महाविद्यालयों के प्राचार्यों को निर्देश दिये हैं कि महाविद्यालय का विकास पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय की तर्ज पर किया जाये। उन्होंने प्राचार्यों को लंबित प्रस्तावों पर भी तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये। राज्य मंत्री श्री कावरे आज मंत्रालय में वर्चुअल बैठक ले रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव आयुष श्रीमती करनिल खोंगवार देशमुख भी मौजूद थीं।

बैठक में आगामी विधानसभा सत्र को ध्यान में रखते हुए की गई तैयारियों की भी समीक्षा की गई। राज्य मंत्री श्री कावरे ने महाविद्यालय के प्राचार्यों को सिकल सेल रोग पर विशेष ध्यान देते हुए प्रभावी कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस रोग के उपचार के लिये मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य और आयुष विभाग गुजरात मॉडल पर मिलकर कार्य कर रहा है।

राज्य मंत्री श्री कावरे ने बताया कि प्रदेश में बीएएमएस, बीएचएमएस और बीयूएमएस की ऑनलाइन काउंसलिंग का कार्यक्रम निर्धारित समय-सारणी के अनुसार किया जा रहा है। अभिलेख सत्यापन का कार्य 10 फरवरी तक किया जायेगा। काउंसलिंग की पूरी प्रक्रिया एक मार्च तक सम्पन्न की जायेगी। उन्होंने काउंसलिंग के कार्य पर विशेष ध्यान देने के लिये कहा। प्रदेश में अब तक 3 हजार 900 विद्यार्थियों ने काउंसलिंग के लिये पंजीयन कराया है। राज्य मंत्री श्री कावरे ने कहा कि आयुष महाविद्यालयों में रिक्त पड़े पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पर तेजी से काम किया जा रहा है।

प्रमुख सचिव आयुष श्रीमती करनिल खोंगवार ने प्राचार्यों से कहा कि वे कॉलेज के विकास की समग्र कार्य-योजना तैयार कर भोपाल भेजें, जिस पर प्रभावी रूप से काम किया जायेगा। उन्होंने आयुष महाविद्यालयों में पी.जी. पाठ्यक्रम के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। भोपाल के पं. खुशीलाल वैद्य महाविद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि पंचकर्म सेंटर बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही इसे शुरू किया जायेगा। बैठक में शैक्षणिक कर्मियों के वेतनमान, छात्रावास व्यवस्था और केन्द्र सरकार की सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना पर भी चर्चा की गई।