नई दिल्ली । विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की दिल्ली में बैठक के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया कि विपक्षी दलों का गठबंधन जाति जनगणना के मुद्दे को उठाने के लिए सहमत हो गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि समिति ने सीट-बंटवारे के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्णय लिया है। समन्वय समिति में शामिल 14 दलों में से केवल 12 दलों के नेताओं ने इस बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी नहीं पहुंचे थे। अभिषेक बनर्जी को ईडी की तरफ से बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। 
टीएमसी जातिगत जनगणना के फैसले के विरोध में है। तृणमूल प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मांग को संयुक्त राजनीतिक प्रस्ताव में जोड़ने का विरोध किया था। ऐसे में अभिषेक बनर्जी का बैठक में नहीं आना कई सवाल खड़े कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि गठबंधन का यह फैसला निश्चित रूप से ममता बनर्जी को पसंद नहीं आएगा।
विपक्षी गठबंधन की बैठक में बुधवार को फैसला लिया गया कि लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के तालमेल को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा और अगले महीने से देश के विभिन्न हिस्सों में गठबंधन की जनसभाएं शुरू होंगी।  गठबंधन की समन्वय समिति की पहली बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि ‘इंडिया की पहली जनसभा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अक्टूबर के पहले सप्ताह में होगी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार के नई दिल्ली स्थित आवास पर यह बैठक हुई। बैठक में शरद पवार के अलावा, कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, द्रमुक के टी आर बालू, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी। राजा, और समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान शामिल हुए। कांग्रेस नेता गुरदीप सप्पल भी इस बैठक में मौजूद रहे।