21 सितंबर 2023 का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण और अद्वैत लोक का शिलान्यास किया। कार्यकम में देशभर से पधारे साधु-संतों की उपस्थिति और इनके आशीर्वाद के साथ दोपहर 12 बजे मूर्ति का अनावरण और शिलान्यास भव्यता और दिव्यता के साथ संपन्न हुआ। ओंकारेश्वर के मांधाता पर्वत पर आयोजित इस कार्यक्रम का इंदौर के 10 मंदिरों में सीधा प्रसारण किया गया था। देशभर से आए कलाकार भी इस भव्य कार्यक्रम का हिस्सा बने।

ओंकारेश्वर में भारतीय संस्कृति की छटा
करीब 13 राज्यों के कलाकारों ने शैव परंपरा पर आधारित प्रस्तुतियां दीं। ‘एकात्मता की प्रतिमा’ अनावरण कार्यक्रम के मौके पर कर्नाटक का यक्षगान व ढोलूकुनीता, झारखंड का खरसवा छाऊ, हरियाणा का डेरुजंगम, तेलंगाना का पेरिनी शिवतांडवम्, ओडिसा का घण्टा व मृदंगम्, तेलंगाना का ओग्गूडोलू, आंध्रप्रदेश का गुरू वायाय्यलू, उत्तरप्रदेश का शिवबारात-श्मसान होली-अघोरी-डमरू, पश्चिम बंगाल का पुरलिया छाऊ, हिमाचल का छम नृत्य, केरल का कथकली-तैयम, उत्तराखंड का हिलजाला, अरुणाचल का मोनपा नृत्य और सिक्किम का सिघी छम हुआ। 5 से 50 कलाकारों वाले इन दलों की प्रस्तुतियों ने मांधाता पर्वत पर पूरे भारत की सांस्कृतिक छटा को बिखेर दिया। शंख वादन असम, ओडिसा और मणिपुर के कलाकारों ने किया। 250 बटुक भी वेदपाठ के लिए आए हैं।

सिद्धवरकूट पर भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी के साथ ही मोहिनीअट्टम की प्रस्तुतियों ने भी मन मोह लिया। हिंदुस्तानी और कर्नाटक शास्त्रीय संगीत गायन से ओंकारेश्वर की धरती गुंजायमान हो रही थी। 

मोमेंट ऑफ द डे – एकात्मता के पग (आदि शंकराचार्य के चरण) में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नतमस्तक होना।