ढाका । बांग्लादेश बंदरगाह पर पनडुब्बियों और युद्धपोतों को सुरक्षित जेटी फैसिलिटी प्रदान करने के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त सबमरीन बेस को शुरू किया है। चीन की मदद से बने सबमरीन बेस को कॉक्स बाजारा के पेकुआ में स्थापित किया गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने निवास गणभवन से बीएनएस शेख हसीना नाम के सबमरीन बेस का उद्घाटन किया। 1.21 अरब डॉलर की लागत से बने इस बेस में एक बार में कुछ छह पनडुब्बी और आठ युद्धपोतों को तैनात किया जा सकता है। बंगाल की खाड़ी पर बना यह बेस आपातकाल में पनडुब्बियों की सुरक्षित और तेज आवाजाही में भी मदद करेगा। हालांकि, भारत के लिए सबमरीन बेस को खतरे के तौर पर देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री हसीना ने 3 मार्च 2017 को बीएनएस शेख हसीना नाम के इस सबमरीन बेस की आधारशिला रखी थी। यह बांग्लादेश की अब तक की सबसे उल्लेखनीय नौसैनिक कूटनीति उपलब्धियों में से एक है। 2009 में सत्ता में आने के बाद से ही शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की तैयार की गई रक्षा नीति के अनुसार फोर्सेज गोल 2030 को लागू करना शुरू कर दिया है। इस बेस की आधारशिला रखते हुए हसीना ने कहा था कि नौसेना को एक आधुनिक और ताकतवर फोर्स में बदलने के लिए सरकार ढांचागत विकास और युद्धपोतों को शामिल करने जैसे काम को जारी रखे हुए है।
2016 में शी जिनपिंग बांग्लादेश का दौरा करने वाले 30 वर्षों में पहले चीनी राष्ट्रपति बने। बांग्लादेश की भारत के साथ अधिक निकटता के कारण चीन ने पहले इस देश को उपेक्षित छोड़ा हुआ था। क्षेत्रीय विशेषज्ञों के अनुसार, शी जिनपिंग की यात्रा के बाद बांग्लादेश ने चीन से दो पनडुब्बियां खरीदी। इसके बाद चीन ने बांग्लादेश के लिए पनडुब्बी बेस बनाने का वादा किया था, जो बाद में भारत के लिए चिंता का विषय बन गया। हाल के वर्षों में बांग्लादेश ने अपनी रक्षा क्षमताओं का विस्तार किया है। पड़ोसी म्यांमार के करीब एक नया एयरबेस बनाया है। देश भर में कई नई सैन्य छावनियां खोली हैं और अपने नौसैनिक बेड़े में नए फ्रिगेट जोड़े हैं।
एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने पड़ोसी म्यांमार और भारत के साथ बांग्लादेश के लंबे समय से चले आ रहे समुद्री सीमा विवादों का निपटारा कर दिया है। इसके बाद बांगलादेश के लिए बंगाल की खाड़ी में तेल की खोज के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों से बोली मंगाने का रास्ता खुल गया है।
चीन की मदद से बना बांग्लादेश का सबमरीन बेस भारत के लिए ज्यादा खतरा नहीं पैदा करेगा। बांग्लादेश भारत का मित्र देश है। बांग्लादेश की नौसैनिक ताकत भारत के मुकाबले काफी कम है। हालांकि, इनके चीन कनेक्शन से भारत के लिए मुश्किलें जरूर खड़ी हो सकती हैं। इस बेस के जरिए चीन भारतीय नौसेना की जासूसी कर सकता है। चीन की कोशिश किसी न किसी तरह बंगाल की खाड़ी में अपनी मौजूदगी को बनाए रखना है। इसके बाद वह भारत के ऊपर दबाव डालने की रणनीति अपना सकता है।