भोपाल। मप्र कांग्रेस आउटसोर्स एवं संविदा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने कहा कि कमलनाथ सरकार के समय आउटसोर्स, संविदा, अस्थाईकर्मियों के लिए निकले आदेशों को प्रदेश की शिवराज सरकार लागू करे, ताकि आउटसोर्स, संविदा, अस्थाईकर्मियों पीड़ित कर्मियों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार के समय 12 दिसंबर 2019 को मप्र शासन के श्रमायुक्त ने आउटसोर्स कंप्यूटर आपरेटर, डाटा इंट्री आपरेटरों के लिए जारी आदेश में बताया गया है कि आउटसोर्स कंप्यूटर आपरेटर जिन्हें सेवाएं देते हुए 3 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं उन्हें 23,870 रूपए और जिन्हें पांच साल पूरे हो चुके हैं उन्हें 28,870 रूपए मासिक वेतन आउटसोर्स एजेंसियों देना होगा, उक्त आदेश अस्थाईकर्मियों की नौकरी में स्थायित्व देने की दिशा में भी निर्देश देता है। 
उन्होंने कहा कि यही नहीं कमलनाथजी की सरकार में दूसरा आदेश संविदा कर्मियों के लिए सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से 8 फरवरी 2019 को निकला गया था, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संविदाकर्मी को 62 साल की नौकरी पूरी होने से पहले नहीं हटाया जाएगा, सामान्य प्रशासन विभाग का यह आदेश संविदा कर्मियों के नियमितीकरण का रास्ता खोलने वाला आदेश है। मार्च 2020 में कमलनाथ की सरकार चली जाने के बाद शिवराज सरकार ने सभी विभागों के आउटसोर्स, संविदा, अस्थाई कर्मियों के हित में निकाले गए आदेशों को नस्ती में दबा दिया और उन पर अमल नहीं किया, जिससे इन वर्गों के साथ अन्याय किया जा रहा है। 
श्री शर्मा ने कहा कि शिवराज सरकार ने सभी विभागों की क्लास-3, क्लास-4 की नौकरियों में आउटसोर्स, संविदा, ठेका, अस्थाई प्रथा लागू कर मध्यमवर्ग, दलित, आदिवासी, ओबीसी समुदाय के बच्चों के लिए सरकारी नौकरियों के दरवाजे पूरी तरह बंद कर दिए हैं, क्योंकि उक्त नौकरियों में इनके परिवारों के बच्चे ही अधिक संख्या में जाते हैं। उन्होंने कहा कि क्लास-3, एनं क्लास-4 की नौकरियों में आउटसोर्स प्रथा लागू कर शिवराज सरकार ने गरीब, मध्यमवर्गीय परिवारों के आर्थिक विकास के रास्ते बंद कर दिये जो समाज में बढती असमानता का एक बड़ा कारण है।
श्री शर्मा ने प्रदेश की भाजपा सरकार से मांग की है कि 8 फरवरी 2019 को संविदा एवं 12 दिसंबर 2019 को आउटसोर्स कर्मियों के हित में कमलनाथ सरकार द्वारा निकाले गए आदेशों को तत्काल लागू करते हुए आदेश के अनुसार वेतन का भुगतान उसी दिनांक से किया जाना चाहिए।