हाल ही में सिक्किम में अचानक आई बाढ़ ने पूरे राज्य को तबाह कर दिया है। आज भी लगातार इसमें मरने वालों के शव बरामद हो रहे हैं। आपदा के लगभग दो सप्ताह बाद अधिकारियों ने कहा कि उन्हें दो और शव बरामद हुए हैं, जिसके बाद बाढ़ में मरने वालों की संख्या 40 हो गई है। वहीं, आपदा के लगभग दो सप्ताह बाद भी 76 लोग लापता हैं।

लगभग 90 हजार लोग प्रभावित

मालूम हो कि 4 अक्टूबर के तड़के सुबह बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिसने राज्य को तबाह कर दिया और इससे लगभग 88,000 लोग प्रभावित हुए है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, सिक्किम की जनसंख्या लगभग 6.10 लाख है, जो भारत के किसी भी राज्य की तुलना में सबसे कम है।

11 सेना के जवानों के मिले शव

जानकारी के मुताबिक, बाढ़ की चपेट में आकर मरने वाले ज्यादातर लोगों के शव पाक्योंग में मिले हैं। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) के मुताबिक, जिले में पाए गए 26 शवों में से 15 नागरिकों के थे, जबकि 11 सेना के जवानों के थे।

पश्चिम बंगाल पहुंचे शव

बुलेटिन में कहा गया, चार शव मंगन में, आठ शव गंगटोक में और दो शव नामची में मिले हैं। अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में भी तीस्ता नदी के निचले इलाकों में कई शव बहकर पहुंचे हैं। लापता 76 लोगों में से 28 पाक्योंग से, 23 गंगटोक से, 20 मंगन से और पांच नामची से हैं।

राहत शिविर में लोगों ने ली शरण

एसएसडीएमए ने कहा कि वर्तमान में, राज्य में 20 राहत शिविर चल रहे हैं, जहां 2,080 लोगों ने शरण ली है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के मुताबिक, ज्यादा बारिश और उत्तरी सिक्किम में दक्षिण लहोनक झील में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (जीएलओएफ) घटना के एक साथ हो जाने से अचानक बाढ़ आई है।