ह्यूस्टन । कोरोना का वायरस अभी भी लोगों को अपने दुष्प्रभाव से मुसीबत में डाल सकता है अमेरिका में कोविड-19 वायरस से पीड़ित जिन बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी, वे भी संक्रमण होने के तीन महीने बाद तक बीमारी के लक्षणों को महसूस कर सकते हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आई। एक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में अमेरिका के टेक्सास राज्य में 5 साल से 18 साल तक के बच्चों से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग किया गया। इन प्रतिभागी बच्चों को अक्टूबर 2020 में शुरू हुए टेक्सास केयर्स सर्वेक्षण में इस उद्देश्य के साथ शामिल किया गया था कि टेक्सास में वयस्कों और बच्चों की एक आबादी के बीच एक समयांतराल पर कोविड-19 के एंटीबॉडी के स्तर का आकलन किया जा सके।
इस अध्ययन के लिए आंकड़े टीकाकरण शुरू होने से पहले और बाद में तथा कोरोना वायरस के डेल्टा तथा ओमीक्रोन स्वरूपों के कारण आई महामारी की लहरों के दौरान एकत्रित किये गये। टेक्सास विश्वविद्यालय के हेल्थ साइंस सेंटर में प्रोफेसर और अध्ययन की प्रमुख लेखक सारा मसीया ने कहा, ‘हमारी दिलचस्पी यह समझने में थी कि अगर बच्चे कोविड-19 के गंभीर संक्रमण से ग्रस्त हुए तो क्या लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं।’
इससे पहले हाल में ही एक स्टडी में पता चला था कि कोविड-19 से संक्रमित मां से जन्मे शिशु में कोरोना वायरस पहुंच सकता है। साथ ही बच्चे में कोरोना संक्रमण के लक्षण भी गंभीर हो सकते हैं। हालांकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा है देश में कोरोना संक्रमित माताओं से उनके शिशु तक संक्रमण पहुंचने के मामले कम आए हैं। आईसीएमआर ने कहा कि मां से बच्चे में कोरोना पहुंचने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।