नई दिल्ली । जी-20 समिट से पहले अरुणाचल प्रदेश को ड्रैगन का हिस्सा दिखने वाले चीनी मैप को लेकर भारत सरकार ने पलटवार किया है। चीन की नापाक हरकत पर भारत सरकार ने दो टूक जवाब देकर कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और चीन परेशान होकर ऐसा प्रोपैगेंडा फैला रहा है। दरअसल, चीन ने आधिकारिक तौर पर अपने ‘मानक मानचित्र’ के 2023 संस्करण को जारी किया था, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन क्षेत्र, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर उसके दावों सहित अन्य विवादित क्षेत्रों को शामिल किया गया। जबकि भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।  सरकार के सूत्रों की माने तब अरुणाचल वाले मैप पर मोदी सरकार ने कहा कि चीन का दावा आधारहीन है। अरुणाचल का अभिन्न अंग है, और चीनी मैप अवैध है। चीन परेशान हो चुका है और ये सब प्रोपेगैंडा के तहत कर रहा है।
सरकार के सूत्रों की माने तब अरुणाचल वाले मैप पर मोदी सरकार ने कहा कि चीन का दावा आधारहीन है। अरुणाचल का अभिन्न अंग है, और चीनी मैप अवैध है। चीन परेशान हो चुका है और ये सब प्रोपेगैंडा के तहत कर रहा है। मोदी सरकार ने कहा कि पीएम मोदी से मुलाकात के ठीक एक हफ्ते बाद और जी20 बैठक के लिए शी जिनपिंग के आगमन से एक हफ्ते पहले यह नई रिलीज उनके (ड्रैगन) इरादों का इशारा देती है। दुनिया जानती है कि वे विस्तारवादी हैं और उन्होंने दुनिया भर में अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। 
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार ने कहा कि चीन में मानवाधिकार संकट का सामना कर रहे तिब्बती, उइगर और अन्य सभी समूह शी जिनपिंग और चीन के कारनामे को उजागर कर रहे हैं। अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग है और चीनी नक्शा अवैध है। 
दरअसल, चीन के सरकारी समाचारपत्र ने एक्स पर लिखा, चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर इस जारी किया गया। यह मानचित्र चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है। 
बता दें कि नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित भारत यात्रा से ठीक पहले इस मैप को जारी किया गया है। इसमें चीन के सीमा दावों के लिए दुनिया भर में मशहूर 9-डैश लाइन को फिर से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है। 9-डैश लाइन को 1940 के दशक में एक चीनी भूगोलवेत्ता ने मैप पर खींचा था। यह यू-आकार की रेखा है, जो दक्षिण चीन सागर के 90 प्रतिशत हिस्से पर दावा करती है, जिसे फिलीपींस उत्तरी फिलीपींस सागर कहता है।