पुरी । श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने हाल ही में श्रीमंदिर में ड्रेस कोड लागू करने की बात कही। भक्तों से अशालिन एवं अत्याधुनिक कपड़े पहन कर श्रीमंदिर में प्रवेश नहीं करने का आदेश आने के बाद असमंजस की स्थिति बन गई है। जहां अनेक भक्त इसके समर्थन में दिखे तो वहीं अनेक लोग इसके विरोध में मुखर होते नजर आए हैं।  
प्रदेशवासियों समेत बाहर से आने वाले सभी भक्त अब इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि पुरुष, महिला और बाल भक्तों को किस प्रकार के कपड़े पहनना होगा जिसे शालीन और सभ्य कहा जा सके। बताया जा रहा है कि मंदिर प्रशासन ने फिलहाल पुरुष, महिला और बच्चों के लिए विशिष्ट ड्रेस कोड को स्पष्ट नहीं किया है। दैतापति निजोग के सचिव रामकृष्ण दास महापात्र के हवाले से ड्रेस कोड की बात सामने आयी है। 
मंदिर में ड्रेस कोड का स्वागत करते हुए अनेक महिला भक्तों ने कहा कि मंदिर प्रशासन का यह एक अच्छा निर्णय है। इससे भारतीय संस्कति अनुसार एक अच्छी परंपरा स्थापित होगी। वहीं पुरुष भक्त ने फैसले के स्वागत यह कहते हुए कहा कि मंदिर में अशालीन कपड़े पहन कर जाने से आध्यात्मिकता पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए इसका स्वागत होना ही चाहिए। 
ड्रेस कोड का विरोध कर रहे कुछ बुद्धिजीवियों ने मामले को अदालत तक ले जाने की बात कह दी है। विरोध करने वालों का कहना है कि भक्तिभाव और ड्रेस कोड का कोई सामंजस्य नहीं है। आखिर पश्चिमी कपड़े पहनने से मंदिर का आध्यात्मिक माहौल कैसे खराब हो सकता है। एक आरटीआई कार्यकर्ता ने मंदिर प्रशासन के फैसले को अदालत में चुनौती देने की बात भी कही है, लेकिन अधिकांश भक्त फैसले से खुश हैं।