जबलपुर ।   मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक याचिका में सरकार की तरफ से जवाब पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव तथा कलेक्टर इंदौर पर 25-25 हजार रुपये की कॉस्ट लगा दी है। बार-बार अवसर देने के बाद भी जवाब नहीं आने पर कोर्ट ने सख्ती दिखाई। बता दें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद भी गैंगरेप पीड़िता तथा उसकी बहन की स्कूल फीस जमा नहीं किए जाने के मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश जारी किए थे। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब पेश करने समय प्रदान करने का आग्रह किया गया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर जमकर नाराजगी व्यक्त की। युगलपीठ ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव तथा कलेक्टर इंदौर पर 25-25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई है। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि कॉस्ट की राशि निजी तौर पर जमा की जाए।

गौरतलब है कि एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लिया था। प्रकाशित खबर के अनुसार मंदसौर जिले में जून 2018 को सात साल बच्ची का स्कूल से दो लोगों ने अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था। आरोपियों ने उसका दो बार गला काटकर उसे मरने के लिए छोड़ दिया था। डॉक्टरों ने बच्ची के कई ऑपरेशन कर उसे बचा लिया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़िता और उसके परिवार से वादा किया था कि सरकार उसकी और उसकी बहन की शिक्षा का ख्याल रखेगी। सरकार ने इंदौर के एक निजी स्कूल में दोनों बहनों का दाखिला करवाया था। स्कूल प्रबंधन ने इंदौर कलेक्टर और जिला शिक्षा विभाग को 14 लाख रुपये बकाया का नोटिस भेजा था। नोटिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने तर्क था कि प्रवेश के लिए सरकार द्वारा स्कूल को दिए गए पत्र में यह उल्लेख नहीं किया गया था कि फीस का भुगतान कौन करेगा।

हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने आपने आदेश में कहा था कि अदालत ने कहा था कि एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता राज्य द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद भी उत्पीड़न से गुजर रही है। यह काफी चौंकाने वाली स्थिति है। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग, कलेक्टर तथा स्कूल प्रबंधन को भी नोटिस जारी हलफनामा में जवाब पेश करने आदेश जारी किए थे। याचिका को सुनवाई के लिए इंदौर खंडपीठ ने मुख्यपीठ जबलपुर स्थानांतरित किया गया था। याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब पेश करने समय प्रदान करने का आग्रह किया गया। सरकार के रवैये पर युगलपीठ ने जमकर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व में कई अवसर दिए जाने के बावजूद भी जवाब पेश नहीं किया गया है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी करते हुए अगली सुनवाई 19 फरवरी को निर्धारित की गई है।