शिवराज सिंह चौहान ने आज सुबह कानून व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए अधिकारियों की एक बैठक ली जिसमें उन्होंने कहा कि गुना की घटना से मैं बहुत बेचैन हूं इसलिए उन्होंने डीजीपी से कहा कि फील्ड में केवल उन्हीं अफसरों को भेजें जो करके दिखा सके 

लेकिन अफसोस है

शायद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को यह ज्ञात नहीं है कि उनके अफसर केवल एसी कमरों में बैठकर प्लान तैयार करना ही जानतें हैं ....
जमीनी हकीकत तो आपकी सोच के बाहर ही निकलेगी

अभी तो आपके सामने सिर्फ गुना की घटना ही सामने आई है यहां तो हर दिन सामान्य जन की  ही मरनी है
सारी कार्यवाहियां केवल खानापूर्ति के लिए की जाती है दोषी को निर्दोष और निर्दोष को दोषी सिद्ध करना आप के अधिकारियों को खूब आता है।अपराधियों को संरक्षण देने वाले अधिकारी ही ऐसी घटना के दोषी है।

घटना की झूठी रिपोर्ट तैयार करने में तो आपके कुछ  अधिकारी माहिर है।

No 1 में आने ही होड़ 

सीएम हेल्पलाइन समस्या समाधान में स्वयं को नंबर वन लाने की होड़ में जो मैनिपुलेटिंग की जाती है उसे जानकर और सुनकर तो शिवराज सिंह चौहान खुद भी स्तब्ध रह जाएंगे। cmhelpline का निराकरण शिकायत कर्ता का मोबाइल धोखा देकर ले क्लोज कराई जाती है।

आपकी कल्पना के परे आपके कुछ  अधिकारी

जैसे अपराध मुक्त मध्य प्रदेश की कल्पना आप करते हैं मुख्यमंत्री जी उस पर पानी फेरने का काम आपके कुछ अधिकारी गण अच्छी तरह से  कर रहे हैं...

डीजीपी महोदय को ऐसे निर्देश देकर तो आपने उन्हें संकट में ही डाल दिया क्योंकि अपने अधिकारियों का सच तो उन्हें भी मालूम  ही होगा आखिर वह आपको जवाब दें तो क्या दें ??

न्यूज़ सोर्स : DGP महोदय को संकट में डाल दिया सीएम शिवराज ने