सागर ।   नरयावली विस क्षेत्र में कांग्रेस द्वारा सुरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कांग्रेस में फूट साफ दिख रही है। इसी के चलते बुधवार को कांग्रेस के दो गुटों में मारपीट हो गई। दोनों तरफ से मारपीट हुई। इस दौरान लाठी, डंडे भी चले, इस झड़प में अशरफ खान सहित अन्य कार्यकर्ताओं को चोट आई है।

ये है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक नरयावली विस क्षेत्र से सुरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने के विरोध में बुधवार को कांग्रेस नेत्री शारदा खटीक के समर्थक मकरोनिया चौराहे पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र चौधरी का पुतला जलाने के लिए जा रहे थे। इसकी खबर मकरोनिया में चुनावी प्रचार में लगे सुरेंद्र चौधरी के समर्थक अशरफ खान सहित अन्य लोगों को लगी तो वे भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मौके पर पहुंचकर पुतला दहन करने वाले कांग्रेस नेत्री शारदा खटीक के समर्थकों को समझाया लेकिन वे नहीं माने। इस दौरान देखते ही देखते बात बिगड़ी और विवाद मारपीट तक पहुंच गया।

सुरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध

नरयावली विस क्षेत्र से सुरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन हो रहा है। शारदा खटीक इसको लेकर पार्टी छोड़ने की बात कह चुकी हैं। वहीं कुछ कार्यकर्ता बीते रोज जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष डा. आनंद अहिरवार केे कार्यालय तक पर धरना दे चुके हैं।

इस संबंध में शारदा खटीक का कहना है कि सुरेंद्र चौधरी का पुतला मैं नहीं जला रही। गलत टिकट दिए जाने से यह पुतला जनता जला रही है, लेकिन पुतला दहन के दौरान सुरेंद्र चौधरी के समर्थक आए जिन्होंने जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि यह विरोध मेरा नहीं जनता का है। मारपीट में घायल हुए अशरफ खान का कहना है कि मैं शांति बनाए रखने की अपील कर रहा था, लेकिन मेरी बात नहीं सुनी। मुझे करीब 20 से 22 लोगों ने जमीन पर पटकर मारा। यदि साथी मुझे नहीं खींचते तो मेरी जान जा सकती थी।

कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा फैसला मानना चहिए

नरयावली विस क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि विरोध का यह तरीका लोकतांत्रिक नहीं है। टिकट देने न देने का फैसला पार्टी हाईकमान है। यदि मेरी जगह अन्य किसी को टिकट मिलता तो मैं उस फैसले को मानता। अन्य कार्यकर्ताओं को भी समझना चाहिए, नहीं तो इसका फायदा अन्य लोग उठाएंगे। ग्रामीण कांग्रेस जिला अध्यक्ष डा. आनंद अहिरवार का कहना है कि कार्यकर्ताओं को समझाया जाएगा। यह समय एकजुट रहने का है। यदि हम बिखरे तो इसका फायदा अन्य उठाएंगे।