प्रत्येक हिंदू घर में प्रतिदिन पूजा-पाठ करने की परंपरा है। अपने आराध्य देवता का छोटा सा ही क्यों न हो घर में मंदिर जरूर बनवाते हैं। प्रतिदिन सुबह शाम घर में पूजा पाठ करने से घर में सकारात्मकता का वास होता है। लेकिन शास्त्रो में पूजा-पाठ करने के भी कुछ नियम बनाए गए है। जी हां, और इन्हीं में से एक है घंटानाद। यानि कि पूजा करते समय हम जो घंटी बजाते हैं उसके भी हिंदू धर्म में कुछ नियम बताए गए है। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में भगवान के सामने घंटी बजाने का खास महत्व माना गया है। रोजाना घर में पूजा के दौरान घंटी बजाने से घर में देवताओं का वास होता है व दुश्मनों को नाश होता है।

आपने अक्सर पूजा करते समय महसूस किया होगा कि जैसे ही घंटी बजायी जाती है घर के साथ-साथ संपूर्ण वातारण शुद्ध और पवित्र हो जाता है। और चारों और सकारात्मकता फैल जाती है। लेकिन अगर हम घंटी बजाने के नियमों को नजअंदाज कर देते है तो ये सकारात्मकता नकारात्मकता में बदल जाती है। तो चलिए जानते हैं पूजा के दौरान घंटी बजाते समय कौन सी है वो गलियां जो भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। साथ ही घंटी बजाने का क्या लाभ है। इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।

सबसे पहला नियम अकसर आपने देखा होगा कि घंटी के ऊपरी हिस्से पर गुरुड़ बना हुआ दिखाई देगा। अधिकतर लोग जो घर पर घंटी का इस्तमाल करते हैं उसे गुरुड़ घंटी कहा जाता है। गुरुड़ घंटी का उपयोग करने से घर में देवताओं का आवाहन होता है। बता दें कि ज्योचिष शास्त्र के अनुसार घंटी की पहली विधिवत पूजा करने के बाद ही उसे बजाना चाहिए। बिना पूजा किए घंटी बजाना शुभ नहीं माना जाता।

दूसरा नियम अकसर अधिकतर लोग संपन्न होने पर आरती के समय घंटी बजाते हैं लेकिन ऐसा भूलकर भी नहीं करना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक इस बात का ध्यान रखें कि बज भी भगवान को जल अर्पण करें, उनको धूप दीप लगाते समय घंटानाद अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से हमारी पूजा संपन्न मानी जाती है। और घर का वातावरण शुद्ध व पवित्र हो जाता है।

तो वहीं तीसरा नियम। जब भी घंटी बजाये तो घंटी बजाते समय किसी देवता का मंत्र व आरती अवश्य बोलनी चाहिए। चाहे एक मिन्ट ही क्यों न हो घंटानाद करते समय कोई भी मंत्र जरूर बोलना चाहिए।

यहां जानें पूजा के समय घंटी बजाने के फायदे-
मान्यता है कि जो भी पूजा के समय घंटी बजाता है उसकी देवताओं के समक्ष हाजिरी लग जाती है। इतना ही नहीं मान्यता अनुसार घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है जिसके बाद उनकी पूजा और आराधना अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाती है। ऐसा भी कहा जाता है कि इससे सकारात्मक शक्तियों का प्रसार होता है तथा नकारात्मक ऊर्जा का निष्कासन होता है। घंटी की ध्वनि मनुष्य के मन को शांति प्रदान करती है।