अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। भारतीय योग दर्शन का विश्व पटल पर डंका बजता है। वैश्विक स्तर पर इसकी पहल भारत ने ही की थी। कहा जाता है कि स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य मस्तिष्क का वास होता है। अपने तन और मन को स्वस्थ्य और स्थिर बनाए रखने के लिए योग परंपरा सनातन काल से ही चली आ रही है। हमारे ऋषि-मुनियों के द्वारा दी गई यह अमूल्य परंपरा आज वैश्विक स्तर पर लोक कल्याण कर रही है। योग और ध्यान से व्यक्ति परमचेतना को प्राप्त करने में सक्षम बनता है।


योग से होंगे समस्त ग्रह प्रसन्न
ज्योतिष शास्त्र में तो योग का संबंध सूर्य से जोड़ा गया है। योग के माध्यम से सूर्य देव को प्रसन्न कर लिया तो मानो सभी ग्रह प्रसन्न हो जाते हैं। दरअसल, सूर्य सभी ग्रहों का राजा है। यह सृष्टि की आत्मा है। इसलिए तो इसे आत्मा का कारक माना गया है। सूर्य ही असीम ऊर्जा का प्रतीक है। सूर्य निरंतरता, चलायमान, आत्म-सम्मान, उच्च-पद प्रतिष्ठा, नेतृत्व, राजा आदि का भी प्रतीक है।


सूर्योदय के समय करें योग
योग हमेशा सूर्योदय के समय ही किया जाता है। प्रातःकाल सूर्योदय के समय योग करना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। किंतु व्यक्ति भागदौड़ी में, व्यस्तता या नीयत के कारण कभी भी योग करने लगता है, जो कि सही उदाहरण नहीं है। सूर्योदय के समय सूर्य देव की किरणें लोगों को ऊर्जावान करती हैं, उस समय की किरणों में तपिश नहीं होती है जो लाभ करती हैं।


सूर्योदय के समय योग का लाभ
सूर्य की प्रातःकालीन किरणों से हमें विटामिन डी3 स्वाभाविक रूप से प्राप्त होता है और शरीर में इसकी कभी कमी नहीं होने पाती है अन्यथा बहुत से लोगों के शरीर में विटामिन डी3 की कमी पाई जाती है। ऐसे व्यक्तियों की हड्डियां मजबूत नहीं होती है। विटामिन डी प्राप्त करने के लिए सुबह की किरणें प्राकृतिक स्रोत हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन ही नहीं, बल्कि नित्य सूर्योदय के समय ही योग करें। इससे आपके अंदर एक सकारात्मक बदलाव नजर आएगा। जो आपके व्यक्तित्व के लिए बेहद कारगर होगा।