अहमदाबाद । गुजरात के विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में द्वारकाधीश की कृपा भाजपा पर बनी हुई है। द्वारका धर्म स्थली से हमेशा भाजपा उम्मीदवार की जीत होती है। बाकी अन्य चार धार्मिक स्थलों से भाजपा को भगवान का वह आशीर्वाद नहीं मिलता है। जिसकी वह अपेक्षा करती है। 
अंबाजी, सोमनाथ, चोटिला और डाकोर जी धर्मस्थल में समय-समय पर भाजपा को तगड़ा झटका लगता रहा है। सोने के शिखर वाले अंबाजी मंदिर के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्र में भाजपा पिछले 5 चुनाव से लगातार हार रही है। भाजपा हमेशा यह टोटका शुरू करती है, कि अंबाजी से वह चुनाव प्रचार शुरू करेगी। तो भाजपा की ही सरकार बनेगी। लेकिन यहां से भाजपा प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पा रहा है। भाजपा दांता धर्म क्षेत्र की सीट को हार जाती है। 
सोमनाथ धर्मस्थल जहां पर द्वादश ज्योतिर्लिंग में से 1 शिवलिंग यहां स्थापित है। पिछले 5 चुनाव में भाजपा यहां से हमेशा पराजित हुई है। 2007 के चुनाव में केवल 1 बार जीती थी। 
चोटीला धर्म क्षेत्र में मां चामुंडा का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर केवल एक बार 2012 में भाजपा चुनाव जीती थी। दो बार निर्दलीय और दो बार कांग्रेस के प्रत्याशी को यहां से विजयश्री प्राप्त हुई। 
डाकोर जी धर्म स्थल के बारे में कहा जाता है कि 'डाकोर का ठाकोर कौन' रणछोड़राय जी का यह प्रसिद्ध मंदिर है। इसमें ठासरा विधानसभा क्षेत्र आता है। 2012 के चुनाव में ही भाजपा यहां से जीत दर्ज कर पाई थी। 4 बार यह सीट कांग्रेस ने जीती। 
द्वारकाधीश की जरूर द्वारका में भाजपा के ऊपर कृपा होती है। यहां से भाजपा के पबुभा चुनाव जीत रहे हैं। उनका इस क्षेत्र में बड़ा प्रभाव है। वह कांग्रेस और निर्दलीय के रूप में भी यहां से चुनाव जीतने मैं सफल हुए हैं। भाजपा की ताकत कम, द्वारकाधीश की कृपा विधायक पबुभा पर होने के कारण यह सीट, भाजपा के पास है। 
चुनाव के दौरान यह भी चर्चा होती है कि धार्मिक स्थलों में जो विधानसभा क्षेत्र हैं। उसमें भारतीय जनता पार्टी को भगवान का आशीर्वाद नहीं मिलता है। जबकि हिंदुत्व और पूजा पाठ करने की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है। भाजपा की भगवान के प्रति आस्था और दिखावे को लेकर भी समय-समय पर यहां चर्चाएं होती हैं।