महाकाल लोक के निर्माण के बाद जिस तरह उज्जैन नगरी का विकास एवं सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नवीन ऊंचाइयों के रूप में सामने आई है इसी तरह ओंकारेश्वर भी अब जल्द ही धार्मिक एवं संस्कृति आस्था के साथ-साथ व्यापार की दृष्टि से एक नवीन इतिहास लिखने जा रहा है । लगभग 126 हैक्टेयर भूमि पर अलौकिक आध्यात्मिक एकात्म धाम के निर्माण के साथ-साथ 108 फीट ऊंची आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति के अनावरण के साथ ओंकारेश्वर मंदिर को सहेजा एवं संवारा जा रहा है । निश्चित रूप से आने वाले समय में ओंकारेश्वर भी महाकाल लोक की तरह संस्कृत एवं धार्मिक विरासत का बड़ा केंद्र बनकर सामने आएगा । ओंकारेश्वर मंदिर के विकास के संबंध पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला बताते हैं कि ओंकारेश्वर धाम के विकास के लिए केंद्र सरकार की एवं मध्य प्रदेश सरकार की विशेष योजना के अंतर्गत करोड़ों रुपए की लागत से एक तरफ जहां मूर्ति का निर्माण हो रहा है वहीं दूसरी ओर एक ऐसे पर्यटन पट्टी का निर्माण से जोड़ा जाएगा जो महाकाल से प्रारंभ होकर ओंकारेश्वर तक भक्तों को महाकाल एवं ओंकारेश्वर से स्वत जोड़ देगा । जानकारी के अनुसार महाकाल लोक आने वाले 70% से अधिक भक्तगण ओंकारेश्वर धाम अवश्य जाते हैं । जब ओंकारेश्वर धाम को नवीन रूप दिया जा रहा है तो निश्चित रूप से जिस तरह से महाकाल लोक के निर्माण के धर्म आस्था के केंद्र के मध्य व्यापार की प्रगति होती है तो उसका सीधा-सीधा असर खंडवा जिले को प्राप्त होगा ।