आयोग ने कहा- कलेक्टर, टीकमगढ़ चार सप्ताह में दें जवाब

टीकमगढ़   जिले कीे नगर परिषद कारी में एक बुजुर्ग महिला पिछले चार सालों से प्रधानमंत्री आवास योजना की दूसरी किस्त के लिये भटक रही है। चार साल पहले उसे पीएम आवास की पहली किस्त के साथ एक लाख रूपये मिले थे। राशि मिलते ही महिला ने अपना कच्चा मकान तोड़कर पक्के मकान की दीवार खड़ी कर दी, लेकिन फिर दूसरी किस्त आज तक नहीं मिली। अब हाल यह है कि चाहे कड़ाके की ठण्ड हो, बरसात हो या फिर गर्मी का मौसम हो। बुजुर्ग महिला और उसके दो छोटे-छोटे नातियों के साथ रहती है, क्योंकि 7 साल पहले फूलादेवी की बेटी की मौत हो गई थी और उसके तीन साल बाद उसके दामाद का भी देहंात हो गया। बेटी दामाद के जब दो छोटे-छोटे बच्चे साहिल और नीरज अनाथ हो गये, तो बूढ़ी नानी ने उन्हें सहारा दिया। फूलादेवी दोनों बच्चों के साथ कच्चे मकान में रहती थी। चार साल पहले प्रधानमंत्री आवास योजना में उनके दामाद का नाम शामिल किया गया। पहली किश्त मिलते ही कच्चा मकान तोड़कर पक्के मकान की दीवारें खड़ी कर लीं, फिर दूसरी किश्त नहीं मिली। मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, टीकमगढ़ से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।