मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ी हलचल होने की संभावना है. एनसीपी में फूट के बाद अब चुनाव आयोग ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है. मालूम हो कि चुनाव आयोग में पार्टी चिन्ह और पार्टी के नाम को लेकर शरद पवार गुट और अजित पवार गुट के बीच लड़ाई चल रही है. वहीं, चुनाव आयोग ने दोनों गुटों के नेताओं को नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने शरद पवार और अजित पवार को नोटिस जारी कर शुक्रवार 3 बजे दिल्ली में पेश होने का आदेश दिया है. संगठन किसका इस बारे में चुनाव आयोग को निवेदन सौंपा जाने वाला है. इसलिए शरद पवार और अजित पवार को चुनाव आयोग के सामने पेश होना होगा. दरअसल एनसीपी के विभाजन के बाद दोनों गुटों ने चुनाव आयोग के समक्ष लिखित रूप में अपना निवेदन पेश किया है। इस संबंध में चुनाव आयोग को शपथ पत्र के जरिए जानकारी दी गई है. अब अगला कदम यह है कि दोनों नेताओं को चुनाव आयोग के सामने पेश होना होगा. लेकिन अब सूत्रों से जानकारी मिली है कि शरद पवार चुनाव आयोग के सामने पेश नहीं होंगे. बताया गया है कि वकील अभिषेक मनु सिंघवी शरद पवार गुट का प्रतिनिधित्व करेंगे. इस बीच, इससे पहले शरद पवार गुट ने आयोग को 9 हजार पेज का हलफनामे सौंपे थे. अजित पवार गुट की ओर से 5 हजार पेज का हलफनामे दाखिल किए गए हैं. साथ ही शरद पवार ने अजित पवार गुट पर ही आपत्ति जताई है. राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रस्तावक छगन भुजबल, अजित पवार, सुनील तटकरे और धनंजय मुंडे थे. इन चारों नेताओं की सहमति से ही शरद पवार का चयन किया गया. साथ ही अजित पवार गुट की ओर से चुनाव आयोग को सौंपे गए हलफनामे में भी त्रुटियां पाई गई हैं.