भोपाल । प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को जहां एक ओर नैक के दौरे को लेकर इंदौर के डीएवीवी में आयोजित वर्कशॉप में आए कॉलेज प्राचार्यों से तैयारियों को लेकर सवाल-जवाब किए, वहीं दूसरी ओर वे हिजाब विवाद पर टिप्पणी करने से बचते नजर आए। कॉलेजों और स्कूलों में हिजाब पहनकर आने के ताजा विवाद से यादव ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि यह उनके बोलने का विषय नहीं है और शिक्षा नीति का इससे कोई लेना देना नहीं है। उच्च शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति के संदर्भ में कहा कि हमें इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सिलेबस को सरल बनाना होगा। यादव ने यहां यूनिवर्सिटी के खंडवा रोड परिसर स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित एक वर्कशॉप का उद्घाटन किया। यह वर्कशॉप यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेजों के प्रिंसिपल और नैक प्रभारियों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में नैक प्रत्यायन और मूल्यांकन का संशोधन प्रारूप विषय पर आयोजित की गई थी।
यादव ने कहा क नई शिक्षा नीति के तहत हमने विभिन्न कोर्स का सफलतापूर्वक एक साल तक संचालन किया है। हमारा प्रदर्शन संतोषजनक है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसमें जहां-जहां नैक का दौरा होने वाला है, उन कॉलेजों में कार्यशाला आयोजित कराएंगे। प्रदेश लेवल पर भी हम प्रयास कर रहे हैं अपनी एक टीम बनाने का जो खुद कॉलेजों का दौरा कर वहां की कमियों को ठीक ढंग से देखे और सरकार के माध्यम से प्रयास है कि उन कमियों को दूर करने के लिए सभी को मदद की जाए, जिससे वह नैक में अच्छे से अच्छे ग्रेड लेकर आएं। नैक द्वारा कॉलेजों के असेसमेंट को लेकर जो प्रोविजनल ग्रेडिंग की सुविधा दी जा रही है, उसके बारे में उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम शासन के स्तर पर कॉलेजों को इसके लिए मोटिवेट करेंगे।
बजट में दिया डिजिटल यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव
उच्च शिक्षा मंत्री ने डिजिटल एज्युकेशन के मुद्दे पर कहा कि हमने बजट में डिजिटल यूनिवर्सिटी का भी प्रस्ताव दिया था। पिछले वर्ष कोविड-19 की स्थिति में हमने डिजिटल प्रश्न पत्र भी उपलब्ध कराए थे। हालांकि भौगोलिक क्षेत्र बड़ा होने से कई प्रकार की व्यावहारिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ा था। इन समस्याओं को दूर करने का हम लगातार प्रयास कर रहे हैं
सिलेबस सरल बनाने पर जोर
उच्च शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति के संदर्भ में कहा कि हमें इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सिलेबस को सरल बनाना होगा। हमें दिमाग पर तनाव लेने की आवश्यकता नहीं है। हमें इस बात पर चिंतन करना होगा कि हम जहां हैं, जैसे हैं, वहां से आगे बढऩे के लिए हमें क्या करना होगा। सिलेबस सरल हो और उसमें लोगों की सहभागिता कैसे बढ़े इस पर विचार करना होगा। नैक के दौरे के लिए भी हमें अपने अंदर आत्मविश्वास रखना होगा और उन्हें बताना होगा कि बतौर प्राचार्य हमने कॉलेज के विकास में क्या योगदान दिया है। कॉलेज की ग्रेडिंग बढ़ाने के लिए हमें लीक से हटकर काम करना होगा।