मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में राम मंदिर के मुद्दे की एंट्री से कांग्रेस की धड़कनें तेज हो गई हैं। आनन-फानन में कांग्रेस के नेताओं ने व्हाट्सएप समेत तमाम सोशल मीडिया मंचों पर अपने-अपने अकाउंट्स की डीपी बदल डाले। कांग्रेस नेताओं ने अपनी डीपी में भगवान का फोटो लगा लिया है। वहीं, कांग्रेस के दामाद और प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा महाकाल का दर्शन करने के लिए उज्जैन पहुंच गए। इतना ही नहीं, भाजपा की चुनावी चाल से परेशान कांग्रेसी उम्मीदवारों ने वोट बैंक बचाने और हिंदू वोटरों को पटाए रखने के लिए मंदिरों के आगे फोटो खिंचवाने शुरू कर दिए। 

बताते चलें कि पिछले शनिवार को छिंदवाड़ा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का चुनावी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। छिंदवाड़ा को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ माना जाता है। इस जनसभा से अमित शाह के कांग्रेस पर निशाना साधने के साथ राम मंदिर के मुद्दे को भी उठाया गया था। इसके बाद कांग्रेस और कमलनाथ के कान खड़े हो गए। 

बता दें कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अगले वर्ष 22 जनवरी को प्रस्तावित है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद वहां मौजूद रहेंगे। इससे पहले पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर का भूमि पूजन भी मोदी ने ही किया था। छिंदवाड़ा में अमित शाह के भाषण पर गौर करें तो भाजपा की रणनीति साफ दिखती है। पार्टी दशकों तक राम मंदिर निर्माण की राह में बाधाएं खड़ी करने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रधानमंत्री मोदी को मंदिर निर्माण और मूर्ति प्रतिष्ठा का पूरा श्रेय देगी। राहुल गांधी को रामलला का दर्शन करने अयोध्या आने का आमंत्रण देकर शाह पार्टी की आक्रामकता दर्शाते हैं।

हड़बड़ाए कांग्रेसी भागे मंदिरों की ओर

छिंदवाड़ा में शाह के मुखर होते ही अन्य नेताओं ने भी यह मुद्दा लपक लिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मध्यप्रदेश में मौजूद प्रियंका गांधी वाड्रा से सवाल कर दिया कि उन्हें भगवान राम और राम मंदिर से क्या परेशानी है? राम इस देश के रोम-रोम में बसे हैं। उनके बिना इस देश का काम नहीं हो सकता।

भाजपा के इस रुख से हतप्रभ कांग्रेस प्रदेश में जगह-जगह लगे राम और राम मंदिर के होर्डिंग हटाने की मांग कर रही है। दमोह की सभा में प्रियंका वाड्रा ने कहा कि कुछ नेता धर्म की बात करते हैं, काम की नहीं। यद्यपि भाजपा को कांग्रेस की यह बेचैनी अपनी रणनीति के अनुकूल प्रतीत हो रही है। भाजपा के रणनीतिकार मानते हैं कि कांग्रेस राम मंदिर और राम के मुद्दे पर जितना भड़केगी, भाजपा को उतना ही लाभ मिलेगा।

शिवराज सिंह ने कांग्रेस को चुनौती देने की मुद्रा में कहा कि भगवान राम के होर्डिंग किसी भी कीमत पर नहीं हटाए जाएंगे। दरअसल, कांग्रेस न चाहते हुए भी भाजपा के उस जाल में फंसती दिख रही है जो पार्टी हिंदू मतों के ध्रुवीकरण के लिए बिछा रही है।