नई दिल्ली।  एक जून से कुछ रोजमर्रा की कीमतों में इजाफा होने के अनुमान हैं। रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में पेट्रोलियम कंपनियां बदलाव कर सकती हैं। इसके अलावा और भी कई बदलाव हो सकते हैं। गौरतलब है ‎कि सरकारी तेल कंपनियां हर महीने पहली तारीख को रसोई गैस की कीमतों में बदलाव करती हैं। हर महीने की एक तारीख को एलपीजी गैस की कीमतें तय होती हैं। अप्रैल और मई महीने की पहली तारीख को 19 किलो वाले कमर्शियल रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कटौती की गई थी। हालांकि, 14 किलो वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ था। मार्च के महीने में घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपये तक की कटौती की गई थी। इसी तरह रसोई गैस सिलेंडर की तरह हर महीने की पहली तारीख को सीएनजी-पीएनजी की कीमतों में भी बदलाव होता है। पेट्रोलियम कंपनियां दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में सीएनजी-पीएनजी की कीमतों में बदलाव करती हैं। ‎पिछली बार अप्रैल में दिल्ली और मुंबई में सीएनजी-पीएनजी की कीमतों में कटौती हुई थी। हालांकि, मई की पहली तारीख को बदलाव नहीं हुआ था। ऐसे में आम लोगों की नजरें एक तारीख को पर टिकी हैं और वो सीएनजी-पीएनजी की कीमतों में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।
इसके साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल्स महंगे होने की संभावना जताई जा रही है। ‎जानकारी बताते हैं ‎कि अगर आप एक जून के बाद इलेक्ट्रिक बाइक या स्कूटर खरीदने जाते हैं, तो आपको अधिक कीमत चुकानी होगी। 21 मई को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, भारी उद्योग मंत्रालय ने फेम-2 सब्सिडी राशि में बदलाव किया और इसे कम करके 10,000 रुपये प्रति एडब्ल्यूएच कर दिया है। वहीं, पहले यह राशि 15,000 रुपये थी। इस वजह से अधिकतर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स 25,000 रुपये से 35,000 रुपये तक महंगे हो सकते हैं।
रिजर्व बैंक भी एक ‎‎विशेष अभियान चलाने जा रहा है। जानकारी के अनुसार एक जून से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया देश के बैंकों में जमा अनक्लेम्ड अमाउंट को सेटल करने के लिए अभियान शुरू करने जा रहा है। अभियान का नाम 100 दिन 100 भुगतान नाम दिया गया है। रिजर्व बैंक ने इस संबंध में बैंकों को सूचित कर दिया है। इस अभियान के तहत 100 दिन में 100 अनक्लेम अमाउंट को सेटल किया जाएगा।