मुंबई । इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का पंजीकरण एक लाख का जादूई आंकड़ा पार कर गया। देश में शुरुआत होने के बाद से दूसरी बार ऐसा हुआ है। अब कंपनियां मार्च के गिनेचुने दिनों में पंजीकृत वाहनों के सर्वा​धिक आंकड़े तक पहुंचकर नया मुकाम हासिल करने की तैयारी में हैं। इसकी वजह यह है कि कंपनियां छूट के द्वारा आक्रामक रूप से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का अपना स्टॉक खत्म कर रही हैं और 31 मार्च तक वाहन पंजीकरण सुनिश्चित कर रही हैं।
अगर वे ऐसा करने में विफल रहती हैं, तब भारत में फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड ऐंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम-2) के तहत मिलने वाली सब्सिडी की लागत उन्हें ही उठानी पड़ेगी। इस योजना के स्थान पर नई इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस 2024) योजना लाई जा रही है जो केवल चार महीने के लिए है। इसके बाद सभी के लिए सब्सिडी आधी रहेगी और सीमा भी घटेगी। गुरुवार तक पंजीकृत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की संख्या 1,00,031 का आंकड़ा पार कर चुकी थी। इसमें पिछले महीने की तुलना में 25 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है। पिछले साल मई में भी पंजीकृत ई-दोपहिया वाहनों की संख्या 1,01,372 वाहनों तक पहुंच गई थी। हालांकि मार्च महीना खत्म होने में कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन कंपनियों को उम्मीद है कि इस महीने सबसे ज्यादा पंजीकरण होगा।
वाहन पंजीकरण के लिहाज से ओला इलेक्ट्रिक ने फिर रफ्तार पकड़ी और गुरुवार तक 41,109 वाहनों का पंजीकरण किया। पिछले माह की तुलना में यह 20 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि है, जो उद्योग में किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनी की अब तक की सबसे अधिक वृद्धि है। आंकड़ों के आधार पर ओला इलेक्ट्रिक के पास अब 41 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। उनकी बिक्री की गतिविधियों पर नजर रखने वाले विश्लेषकों को उम्मीद है कि मार्च के अंत तक पंजीकरण 50,000 के करीब पहुंच जाएगा। फेम 2 योजना इस महीने के आ​खिर में समाप्त हो जाएगी और इसका स्थान 1 अप्रैल से शुरू होने वाली ईएमपीएस 2024 ले लेगी।