छत्तीसगढ़ अंबिकापुर में गुरुवार को भालुओं को बचाने की कोशिश में रेंजर सहित आठ वनकर्मी घायल हो गए । वहीं भालू के भी एक बच्चे की मौत हो गई। मामला उदयपुर वन परिक्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, डांडगांव सर्किल के खोंदला पहाड़ पर गुरुवार सुबह ग्रामीणों ने भालुओं के रोने की आवाज सुनी। इस पर वे ऊपर पहुंचे तो देखा कि मादा भालू अपने दो बच्चों के साथ शिकारियों के लगाए फंदे में फंसी हुई थी। इस पर ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। थोड़ी देर में एसडीओ विजेंद्र सिंह ठाकुर, रेंजर सपना मुखर्जी सहित करीब 25 वनकर्मी मौके पर पहुंच गए। पता चला कि भालू जीआई तार से बनाए गए फंदे में बुरी तरह से फंसे हुए हैं। 

वनकर्मियों ने भालुओं को निकालने का प्रयास शुरू किया, लेकिन काफी कोशिश करने के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिली। फिर सरगुजा डीएफओ को सूचना दी गई और भालुओं को ट्रैंकुलाइज कर निकालने का निर्णय लिया गया। भालूओं को फंदे से निकालने के लिए ट्रैंकुलाइजर एक्सपर्ट महेंद्र पाठक के साथ चिकित्सक दोपहर बाद मौके पर पहुंचे। उन्होंने भालुओं को ट्रैंकुलाइज किया। इसमें भालुओं को बेहोश होने में 15 मिनट लग गए। इसके बाद भालुओं को निकालने का प्रयास शुरू हुआ।

फंदे में मादा भालू का अगला पैर और दोनों बच्चों के सिर फंदे में फंसे थे। मादा भालू का हाथ और एक शावक का सिर फंदे से निकाल लिया गया। जबकि दूसरे बच्चे का गला फंदे में कस जाने से उसकी मौत हो गई। फंदे से निकालने के बीच ही मादा भालू को होश हो गया और वह इधर-उधर भागने लगी। मादा भालू से बचने की कोशिश में रेंजर व अन्य वनकर्मी मौके से भागे। रेंजर सपना मुखर्जी सहित आठ वनकर्मी पहाड़ी में गिर गए और चोटिल हो गए। हालांकि किसी को भी गंभीर चोटें नहीं आई हैं।