विदेशी निवेशकों ने मार्च के कारोबारी सत्रों में 11,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसमें अमेरिकी फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स की ओर से अदाणी ग्रुप की कंपनियों में किया गया निवेश शामिल है।

भारतीय शेयर बाजार में फॉरिन पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की ओर से किया जाने वाला निवेश सकारात्मक होने के बावजूद जानकारों का मानना है कि अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के डूबने के बाद एफपीआई सतर्क रुख अपना सकते हैं।

FPI का शेयर बाजार में निवेश

डिपॉजिटरीज की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत से 17 मार्च के कारोबारी सत्र तक एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में 11,495 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले विदेशी निवेशकों ने फरवरी में 5,294 करोड़ रुपये और जनवरी में 28,852 करोड़ रुपये की बिक्री की थी। वहीं, दिसंबर में विदेशी निवेशकों ने 11,119 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

जारी रह सकता है उतार-चढ़ाव

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीति वीके विजयकुमार ने कहा कि जीक्यूजी की ओर से अदाणी ग्रुप की कंपनियों में 15,446 करोड़ का निवेश किया गया है। अगर इसे निकाल दिया जाता है, तो एफपीआई निवेश नकारात्मक है। इस वर्ष की शुरुआत से अब तक एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 22,651 करोड़ रुपये निकाले हैं।

मॉर्निंगस्टार इंडिया में एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि लंबे समय के लिए भारतीय बाजार अन्य विदेशी बाजारों के बेहतर स्थिति में है।

इस सेक्टर में FPI ने किया निवेश

मार्च में अभी तक के कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने कैपिटल गुड्स सेक्टर में लगातार खरीदारी की है।

डेट मार्केट से निकाले 2,550 करोड़

एफपीआई का रुख इक्विटी बाजार में सकारात्मक रहा, लेकिन डेट मार्केट में वे शुद्ध विक्रेता ही रहें। एफपीआई ने डेट मार्केट में 2,550 करोड़ रुपये की बिकावाली की है।