बच्चों के जंक फूड खाने की आदत के पीछे काफी हद तक उनके पेरेंट्स ही जिम्मेदार होते हैं खासतौर से अगर वो वर्किंग हो तो। कभी आलस, कभी ऑफिस से लेट आने तो कभी बच्चों की जिद पूरा करने के चक्कर में कई बार जंक फूड खिलाना उन्हें आसान ऑप्शन नजर आता है या कह सकते हैं कि मजबूरी भी होती है, लेकिन कभी-कभार ऐसा करने में कोई बुराई नहीं, बस इसे बच्चों की आदत न बनने दें, क्योंकि फिर उन्हें हेल्दी खाना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता और लगातार जंक फूड्स के सेवन से बच्चे बचपन में ही मोटापे, डायबिटीज और कई दूसरी तरह की समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। अगर आपके बच्चे को भी लग गई है जंक खाने की आदत, तो इन तरीकों से छुड़ाएं इसे।    

बच्चों को समझाएं जंक फूड के नुकसान 

बच्चों की इस आदत को छुड़ाने के लिए मारपीट से बात नहीं बनने वाली। अगर आपका बच्चा थोड़ा समझदार है, तो उसे समझाएं कि जंक फूड खाने के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं। उन्हें बताएं कि अगर वो ऐसी ही चीज़ें खाएंगे तो मोटे हो जाएंगे, उनके दांत खराब हो जाएंगे, पेट हमेशा गड़बड़ रहेगा और थकान व सुस्ती फील होती रहेगी, जिससे वो अपना मनपसंद काम नहीं कर पाएंगे। इस तरह से समझाने पर वो इस चीज़ को गंभीरता से लेंगे। 

हेल्दी और स्मार्ट ऑप्शन्स चुनें

अनहेल्दी ऑप्शन्स को हेल्दी ऑप्शन्स से रिप्लेस करें। जैसे- अगर बच्चा कोल्ड ड्रिंक पीने की जिद करता है, तो उसे शिंकजी पिलाएं, जिसका स्वाद कमोबेश कोल्ड ड्रिंक जैसा ही होता है। आइसक्रीम खाने को कहें, तो उसे मीठी लस्सी या कस्टर्ड खाने को दें। इसी तरह शेक, स्मूदी भी किसी न किसी बहाने पिलाएं। इन चीज़ों को खाना तो हेल्दी है ही साथ ही पेट भी भर जाता है, जिससे बार-बार कुछ न कुछ खाने की मांग नहीं करते।

बच्चों को किचन में कामों में इंगेज करें

बच्चों के हेल्दी खाने के शुरुआत आप किचन से कर सकते हैं। इसके लिए किचन के छोटे-मोटे काम बच्चों से ही करवाएं। सुबह अगर आपका नाश्ते में सैंडविच बनाने का प्लान है, तो बच्चों से ही ब्रेड में बटर, फ्रूट्स या वेजिटेबल्स लगवाएं। इससे बच्चों को अच्छा लगेगा। उन्हें चीज़ों के बारे में पता चलेगा और वो हेल्दी खाने पर ध्यान देंगे। 

खाना बनाने और उसकी तैयारियों में बच्चों को शामिल करें 

अगर आपका बच्चा लिख-पढ़ सकता है, तो उससे नाश्ते का मेन्यू तैयार करवाएं। उसे हेल्दी ऑप्शन्स ढूंढ़कर चार्ट में एड करवाने का टास्क दें। साथ ही अगर वो पूरे हफ्ते इसे फॉलो करता है, तो कोई रिवॉर्ड भी दें। इससे मोटिवेशन मिलता है, जिससे बच्चे हेल्दी रहने के बारे में सोचते हैं।