भोपाल । राजधानी भोपाल में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस अध्यक्षता में मानसून से पहले बाढ़ से बचाव संबंधी उच्च स्तरीय समिति की बड़ी बैठक हुई। इस दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि अतिवृष्टि और बाढ़ से निपटने के लिए सभी विभाग तत्परता और सतर्कता के साथ अपनी तैयारियाँ रखे। राज्य आपदा प्रबंधन कार्य-योजना को अद्यतन कर सभी बाढ़ उन्मुख जिलों की सूची तैयार करने और बाढ़ नियंत्रण कक्ष के हेल्पलाइन नंबरों का प्रचार-प्रसार किया जाए। निर्धारित समय और स्थल पर मीडिया को बाढ़ की स्थिति और इससे बचाव हेतु किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी दिया जाए।
मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टर्स को बाढ़ प्रभावितों को पुनर्वासित करने की दृष्टि से वैकल्पिक आश्रय स्थल की व्यवस्था में स्कूल, धर्मशाला आदि को चिन्हांकित करने एवं उसकी सूची राहत आयुक्त कार्यालय एवं स्टेट कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर, मंत्रालय स्थित सिचुएशन रूम को भेजने के निर्देश दिए। वहीं सचिव राजस्व ने राज्य की भौगोलिक संरचना, जलवायु एवं पूर्व में घटित आपदाओं बाढ़ उन्मुख जिले, बाढ़ संभावित राजमार्गों, प्रमुख नदी नालों की जानकारी दी। आगामी मानसून काल 2023 के वर्षा संबंधी पूर्वानुमानों से समिति को अवगत कराया गया।
प्रमुख सचिव राजस्व ने बताया कि विगत वर्षों में आकाशीय बिजली से जनहानि के मामलों में वृद्धि हुई है। मुख्य सचिव ने आकाशीय बिजली से जनहानि के मामलों में राहत राशि प्रकरणों की स्वीकृति हेतु संशोधित परिपत्र शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए। उच्चस्तरीय समिति की बैठक में मुख्य सचिव ने बाढ़ राहत के संबंध में विभागों के उत्तरदायित्व का निर्धारण किया।
राजस्व विभाग द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों का आकलन, बाढ़ उन्मुख नदियों, बड़े बांधों की सूची, बाढ़ के मुख्य कारण, प्रचार-प्रसार की प्रणाली, आपातकालीन कार्यवाहियाँ, उपलब्ध उपकरणों की मरम्मत कराना, नवीन उपकरणों के क्रय की जानकारी, जनशक्ति तथा खोज एवं बचाव दलों का प्रशिक्षण, जन-जागृति अभियान, नोडल अधिकारियों का नामांकन, आपदा नियंत्रण केन्द्र स्थापित करना, बाढ़ बचाव सामग्री का पूर्व अनुबंध एवं त्वरित क्षति आकलन का उत्तर दायित्व निर्वहन किया जायेगा।
आपदा प्रबंधन के लिए गृह विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। बचाव एवं राहत कार्य की स्थिति में गृह विभाग को सेना से समन्वय स्थापित करने, पुलिस एवं होमगार्ड के पास उपलब्ध मोटरबोट्स एवं बाढ़ बचाव सामग्रियों को तैयार हालत में रखने, पुलिस एवं होमगार्ड के जवानों को बाढ़ बचाव से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण देने, आपदा की स्थिति में नियोजित मानव संसाधनों की सूची तथा प्रशिक्षित तैराकों की सूची जिलेवार उपलब्ध कराने का दायित्व सौंपा गया। मौसम विभाग को बारिश की दैनिक जानकारी और मानसून अवधि में मौसम पूर्वानुमान से गृह, राजस्व, जल संसाधन तथा नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को नियमित रूप से अवगत कराने का दायित्व सौंपा गया है। वहीं केन्द्रीय जल आयोग को पूर्वानुमान और चेतावनी की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को निचले स्थानों की पहचान, अतिवर्षा के कारण नदी-नाले उफान पर होने की स्थिति में इसकी सूचना कन्ट्रोल रूम को देने और निचले स्थानों पर रहने वाली जनसंख्या को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का उत्तरदायित्व दिया गया। लोक निर्माण विभाग द्वारा पुलों पर यातायात नियंत्रण हेतु बेरियर लगाना, वर्षा पूर्व क्षतिग्रस्त पुलियों की मरम्मत/सुधार करवाना, सड़कों के गड्डों की मरम्मत करवाना, शासकीय संरचनाओं का सुरक्षा की दृष्टि से निरीक्षण करना, निर्माण स्थलों को सुरक्षित करना एवं खतरनाक स्थलों पर चेतावनी बोर्ड लगाना का कार्य किया जायेगा।
वहीं राज्य में स्थित समस्त बांध/तालाबों के तटबंधों के सुरक्षा की दृष्टि से निरीक्षण एवं वर्षा पूर्व आवश्यक मरम्मत, नदियों के जलस्तर की निगरानी, बांधो के जलस्तर की निगरानी, पानी छोडऩे की जानकारी संकलित करने एवं संबंधित विभागों के साथ सूचना का आदान-प्रदान, बाढ़ के दौरान तटबंधों की सुरक्षा हेतु आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था जलसंसाधन विभाग द्वारा की जायेगी। परिवहन विभाग को ओवर लोडिंग पर नियंत्रण, पुरानी बसों को नियंत्रित करने और बाढ़ के दौरान आबादी निष्क्रमण हेतु वाहनों का चिन्हांकन एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने का दायित्व दिया गया।