चंडीगढ़ । जीएसटी परिषद की दो दिन की बैठक मंगलवार को शुरू हुई। बैठक में 1,000 रुपये प्रतिदिन किराये वाले होटल कमरों सहित विभिन्न सेवाओं पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) छूट को वापस लेने की सिफारिशों पर विचार होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली परिषद उलट शुल्क ढांचे (तैयार उत्पादों के मुकाबले कच्चे माल और मध्यवर्ती वस्तुओं पर अधिक कर) सहित दरों को युक्तिसंगत बनाने की राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की सिफारिशों पर चर्चा करेगी। परिषद में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई की अध्यक्षता में राज्यों के वित्त मंत्रियों का समूह गठित किया गया है। सूत्रों ने कहा कि मंत्री समूह (जीओएम) ने सिफारिश की है कि 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम के होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगे। अभी इस पर कोई कर नहीं लगता। इस सिफारिश का कारण इस छूट का दुरुपयोग होने की आशंका है।
साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिये 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले कमरे (आईसीयू को छोड़कर) पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने की भी सिफारिश हुई है। जीओएम ने पोस्टकार्ड और अंतर्देशीय पत्र, ‘बुक पोस्ट’ और 10 ग्राम से कम वजन के लिफाफे को छोड़कर अन्य डाकघर सेवाओं पर कर लगाने का सुझाव दिया है। इसके अलावा, मंत्री समूह ने चेक पर 18 प्रतिशत की दर से कर लगाने की सिफारिश की है। सूत्रों ने कहा कि जीओएम ने कंपनियों द्वारा आवासीय उपयोग के लिये किराये पर दिए जाने वाली आवासीय इकाइयों पर भी कर छूट वापस लेने की सिफारिश की है। पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल में बागडोगरा के लिए आने-जाने की हवाई यात्रा में ‘बिजनेस’ श्रेणी पर मिल रही जीएसटी छूट को भी वापस लेने का सुझाव दिया गया है।
इतना ही नहीं जीओएम ने परिषद को दी सिफारिशों में भारतीय रिजर्व बैंक, इरडा (बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण), सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड), एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) जैसे नियामकों और जीएसटी नेटवर्क की सेवाओं पर भी कर लगाने का सुझाव दिया है। समूह ने पेट्रोलियम/कोल बेड मिथेन से जुड़े उत्पादों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने तथा नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर कर की दर बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने की सिफारिश की है।