चंडीगढ़ । पंजाब में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की 5 सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है।आप ने पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह को भी राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही हरभजन ने अपने सियासी पारी की शुरुआत कर दी। सियासत में क्रिकेटर हरभजन सिंह के आने की पहले से खबरें थीं। हालांकि माना जा रहा था कि वह आप नहीं कांग्रेस में आ सकते हैं। बीच में सिद्धू भी उन्हें कांग्रेस में शामिल करवाने पहुंच गए। हालांकि हरभजन सिंह ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को झटका देकर आप में शामिल हो गए।
क्रिकेट से संन्यास के बाद हरभजन ने मॉडलिंग और अभियन में अपनी किस्मत देखी, लेकिन उन्हें वहां कामयाबी हासिल नहीं हुई। संन्यास के बाद वह बस क्रिकेट कमेंट्री किया करते थे। एक तरह से देखा जाए,तब हरभजन के सियासी करियर को आम आदमी पार्टी से सेफ शुरुआत मिल गई है। पंजाब में रहकर हरभजन क्रिकेट एकेडमी भी चलाते हैं। इसलिए वह पंजाब में रहना चाहते हैं। यहां उन्हें दो लाभ हो गए। एक तो यह कि वह पंजाब से चुने जा रहे हैं, पंजाब में आप की सरकार है। हरभजन सिंह को आम आदमी पार्टी ने एक बहुत बड़ा राजनीतिक प्लेटफार्म दे दिया। फिलहाल आम आदमी पार्टी में केजरीवाल के बाद कोई बड़ा राष्ट्रीय चेहरा दूसरा नहीं है। इससे हरभजन सिंह को बड़े स्तर पर सियासी तौर पर मौका मिल सकता है।
बात दें कि हरभजन को भाजपा यकीन दिला रही थी, कि उन्हें उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद बना देगी। लेकिन इससे हरभजन सिंह की पंजाब से दूरी बढ़ जाती। पंजाब में उन्हें क्रिकेट अकादमी भी चलानी थी, इसलिए भी भाजपा से नहीं जुड़े। बीजेपी में दिग्गजों की कोई कमी नहीं है।इसके बाद इन दिग्गजों की भीड़ में हरभजन का चेहरा कहीं खो जाता। हरभजन सिंह को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने और भुनाने के लिए भाजपा में ज्यादा मौका नहीं मिल पाता।
हरभजन के आप में शामिल होने से आम आदमी पार्टी को फायदा हुआ है। उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा चेहरा मिल गया। अरविंद केजरीवाल हरभजन की क्रिकेट की पहचान को भुनाएंगे। दूसरा सिख चेहरे को चुनने से पंजाब में भी अच्छा संदेश गया। हरभजन को सांसद बनाने से दूसरे खिलाड़ी भी पार्टी से प्रभावित होने वाले है। पंजाब में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए हरभजन की भी मदद मिलेगी। हरभजन के बहाने यूथ का सपोर्ट भी आम आदमी पार्टी को मिलेगा। हरभजन और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल का संपर्क हुआ। हरभजन चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे, इसलिए उन्हें चुनाव के बाद राज्यसभा भेजने के बारे में बातचीत हुई। पंजाब में 5 सीटें खाली हो रही थी। 10 मार्च को आम आदमी पार्टी पंजाब की सत्ता में आ गई। जिसके बाद हरभजन सिंह केजरीवाल से मिले और वह आम आदमी पार्टी के राज्यसभा के उम्मीदवार बन गए।