भोपाल ।  मध्यप्रदेश के कई जिलों में एक बार पुन: भारी बारिश के आसार बन रहे हैं। बंगाल की खाड़ी में एक बार फिर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, जिसके प्रभाव से प्रदेश में भारी बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग ने मंगलवार सुबह तक के लिए 13 जिलों में आरेंज तो 14 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। जुलाई माह में प्रदेश को अच्छी वर्षा देने वाले कारकों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कारक रहा अति कम दबाव का क्षेत्र एक बार फिर बंगाल की खाड़ी में बन गया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यह मंगलवार को और ताकतवर बनकर अवदाब में बदल जाएगा। इसके साथ ही मानसून द्रोणिका नीचे आकर मध्यप्रदेश के बीचों-बीच से होकर गुजर रही है। इसके चलते प्रदेश में कई स्थानों भारी वर्षा की परिस्थितियां बन रही हैं। नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, धार, देवास, सीहोर, मण्डला, बालाघाट , सागर, छतरपुर जिलों में कहीं-कहीं भारी से अतिभारी वर्षा हो सकती है।अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, रतलाम, विदिशा, रायसेन, टीकमगढ़, निवाड़, दमोह, पन्ना, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा व सिवनी जिलों में कहीं -कहीं मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।मप्र के आसपास शियर जोन बना हुआ है पूर्व-पश्चिमी हवाओं के टकराव से वर्षा के दौरान गरज-चमक की गतिविधियां होने की आशंका है। वहीं पश्चिमी राजस्थान में बना चक्रवातीय परिसंचरण और महाराष्ट्र से कर्नाटक तट के समांतर बनी अपतटीय द्रोणिका भी सक्रिय है। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि, मानसून द्रोणिका मप्र से होकर गुजर रही है।वहीं कम दबाव से अति कम दबाव के क्षेत्र में बदला सिस्टम मंगलवार को अबदाव में बदल जाएगा जिसके बाद यह पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा और उड़ीसा से छत्तीसगढ़ होते हुए पूर्वी मप्र के रास्ते प्रदेश में आएगा। इसके असर से अगले तीन दिनों तक वर्षा की गतिविधियां बनी रहेंगी, जबकि अगले दो दिनों में इसमें बढ़ोत्तरी होगी। यह सिस्टम निकलेगा तो इसके बाद 15 अगस्त से बंगाल की खाड़ी में एक और सिस्टम बनता दिख रहा है, जिससे वर्षा का एक दौर और शुरू हो सकता है।