डॉ. नवीन जोशी

भोपाल । राज्य का वन विभाग डाल्फिन एवं गिद्द संरक्षण सहित छह प्रस्तावों पर केंद्र सरकार से स्वीकृति लेने के लिये प्रदेश के सांसदों से मदद लेगा। इसके लिये उन्हें इन प्रस्तावों की जानकारी भेज दी गई है।चंबल नदी में डाल्फिन के संरक्षण के लिये वन विभाग ने 1 करोड़ 44 लाख रुपयों का प्रस्ताव 22 जुलाई 2022 को भेजा हुआ है जबकि भोपाल के केरवा क्षेत्र में गिद्द संरक्षण प्रजनन केंद्र परियोजना के लिये 7 करोड़ 50 लाख रुपयों का प्रस्ताव केंद्र को 30 सितम्बर 2022 को भेजा गया है। इसी प्रकार, प्रोजेक्ट एलीफेन्ट के लिये 3 करोड़ 7 लाख 74 हजार रुपयों का प्रस्ताव केंद्र को 23 मार्च 2022 को भेजा गया है। प्रदेश के नेशनल पार्कों एवं अभयारण्यों में वन्यप्राणियों के लिये सुविधायें विकसित करने के लिये दो अलग-अलग प्रस्ताव 21 अप्रैल 2022 एवं 14 मई 2022 को केंद्र सरकार को भेजे गये हैं जिनमें क्रमश: 1 अरब 21 करोड़ 71 लाख 72 हजार रुपये एवं 55 करोड़ 85 लाख 71 हजार रुपये की राशि शामिल हैं। इसी प्रकार, ग्रीन इण्डिया मिशन के तहत वृक्षारोपण अभियान में केंद्रांश हेतु कुल 75 करोड़ 11 लाख रुपयों का प्रस्ताव 12 अक्टूबर 2022 को भेजा हुआ है।

यह है असल दिक्कत : दरअसल मप्र से केंद्र को भेजे गये इन प्रस्तावों को अब तक स्वीकृति न मिलने का प्रमुख कारण यह है कि केंद्र में बैठे अधिकारी मप्र के जंगलों एवं उसके वन्यप्राणियों की स्थिति से अवगत नहीं है और नही वे कभी इस प्रकार फील्ड में पोस्ट रहे हैं। इसी कारण से वे मप्र से आये प्रस्तावों पर गंभीरता नहीं ले पाते हैं और उनको अटकाया हुआ है। इसीलिये अब वन विभाग प्रदेश के सांसदों से इन प्रस्तावों की केंद्र से स्वीकृति कराने के प्रयास करा रहा है।