भोपाल । जुलाई अगस्त के बिजली के बिल लोगों को मिले हैं। इन बिलों ने करंट की तरह ही उपभोक्ताओं को झटका दिया है। बिलों को देखकर उपभोक्ता खासे परेशान हैं। जिन उपभोक्ताओं के बिल पहले 500 से 600 रुपए से ज्यादा नहीं आते थे, उनके बिल जुलाई-अगस्त 1500 रुपए तक पहुंच गए हैं। बिजली उपभोक्ता इसे गर्मी के कारण बिजली की अधिक खपत मान रहे थे लेकिन यह ज्यादा बिल सुरक्षा निधि के कारण आ रहे हैं। जो बिलों में जोड़कर दी जा रही है।
बिजली कंपनी हर साल उपभोक्ताओं से सुरक्षा निधि की राशि वसूलती है। इसे उपभोक्ता की अमानत राशि बताया जाता है और इस पर ब्याज भी दिया जाता है। कंपनी वर्ष में तीन किस्तों में सुरक्षा निधि वसूलती है। इस बार जुलाई, अगस्त और सितंबर में किस्तों में वसूली की जा रही है और सुरक्षा निधि की राशि जोड़कर दी जा रही है। ज्यादा बिल देख कई उपभोक्ता बिजली कंपनी के कार्यालय में पूछताछ कर रहे हैं। बिजली कंपनी के मुताबिक उपभोक्ता वर्षभर में जिस महीने अधिकतम बिजली खपत करता है, उसे आधार मानकर डेढ़ गुना राशि सुरक्षा निधि के रूप में जोड़ दी जाती है। बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार यदि किसी उपभोक्ता का बिल हर माह औसत 800 रुपए आता है तो उसे 1200 रुपए सालाना सुरक्षा निधि जमा कराना होती है, जो उसके बिल में 400-400 रुपए की तीन किश्त में जुड़कर आती है। सुरक्षा निधि की कुल राशि औसत बिल से डेढ़ गुना होती है तो इस पर मौजूदा बैंक की ब्याज दर के आधार पर सालाना ब्याज भी दिया जाता है।
ज्यादा बिल को उपभोक्ता बिजली की खपत मान रहे थे लेकिन जब बिल में बिजली खपत (यूनिट) में ज्यादा अंतर मिला तो उपभोक्ताओं ने कंपनी कार्यालय से जानकारी ली। तब पता चला कि जो राशि बढ़कर आ रही है वो सुरक्षा निधि है। बिजली कंपनी इस वित्तीय वर्ष की सुरक्षा निधि राशि तीन किस्तों में वसूलेगी। पहली किस्त जुलाई के बिल में आ चुकी है। दो किस्त अगस्त व सितंबर के बिलों में वसूली जाएगी।